तेरी चिंता हरने वाले बाबा श्याम है,
तेरे संकट हरने वाले बाबा श्याम है,
तू देख बुलाकर करते हरएक काम है,
बाबा श्याम है, बाबा श्याम है,
तेरी चिंता हरने वालें बाबा श्याम है,
तेरे संकट हरने वाले बाबा श्याम है।।
तर्ज – कब तक चुप बैठे।
जब घोर अँधेरा छाए,
मेरा सांवरिया झट आए,
तेरे उजियारे जीवन से,
अँधियारा दूर भगाए,
करे अनहोनी को होनी,
मेरा श्याम है,
मेरा श्याम है,मेरा श्याम है,
तेरी चिंता हरने वालें बाबा श्याम है,
तेरे संकट हरने वाले बाबा श्याम है।।
तू देख भरोसा करके,
तेरी श्याम करे रखवाली,
जब डगमग डोली नैया,
मेरे श्याम ने डोर संभाली,
हारे का साथी बन जाता,
ये श्याम है,
मेरा श्याम है,मेरा श्याम है,
तेरी चिंता हरने वालें बाबा श्याम है,
तेरे संकट हरने वाले बाबा श्याम है।।
मुझे जब भी पड़ी जरुरत,
मेरे श्याम ने राह दिखाई,
तूने ‘सुरेश राजस्थानी’ की,
आकर पकड़ी कलाई,
जब श्याम मिले तो,
दौलत से क्या काम है,
क्या काम है, क्या काम है,
तेरी चिंता हरने वालें बाबा श्याम है,
तेरे संकट हरने वाले बाबा श्याम है।।
तेरी चिंता हरने वाले बाबा श्याम है,
तेरे संकट हरने वाले बाबा श्याम है,
तू देख बुलाकर करते हरएक काम है,
बाबा श्याम है, बाबा श्याम है,
तेरी चिंता हरने वालें बाबा श्याम है,
तेरे संकट हरने वाले बाबा श्याम है।।
स्वर – रामकुमार जी लख्खा।