तेरी दया का मैं हूँ भिखारी,
हार के आया बाबा शरण तिहारी,
तेरी दया का।।
तर्ज – सागर किनारे दिल ये।
हार गया था तुमने जिताया,
रोते हुए को हसना सिखाया,
खुशियों से भर दी तूमने झोली हमारी,
तेरी दया का हूँ मैं भिखारी,
हार के आया बाबा शरण तिहारी,
तेरी दया का।।
हर पल सांवरिया तुझको ही ध्याऊँ,
चरणों में तेरे शीश झुकाऊँ,
सर पे सदा ही रहती दया ये तुम्हारी,
तेरी दया का हूँ मैं भिखारी,
हार के आया बाबा शरण तिहारी,
तेरी दया का।।
थामे गरीब तूने सेठ बनाया,
ज़मी से उठा के मुझको,
फलक पे बिठाया,
एहसान तेरा मुझपे है बड़ा भारी,
तेरी दया का हूँ मैं भिखारी,
हार के आया बाबा शरण तिहारी,
तेरी दया का।।
ना भूल पाऐं उपकार तेरा,
‘जीतू’ और ‘देव’ करते गुणगान तेरा,
तूने निभाई बाबा अपनी ये यारी,
तेरी दया का हूँ मैं भिखारी,
हार के आया बाबा शरण तिहारी,
तेरी दया का।।
तेरी दया का मैं हूँ भिखारी,
हार के आया बाबा शरण तिहारी,
तेरी दया का।।
– Singer & Sent By –
Jeetu Ji Mali
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