धुणे आले बाबा जी तेरी,
भगती के म्ह खो जाऊँ,
जी कर रहया मेरा बाबा जी,
तेरी गोद म्हे आके सो जाऊँ,
जी कर रहया मेरा बाबा जी,
तेरी गोद म्ह आकै सो जाऊँ।।
मेरे मन म मेरे तन म,
वास रहे जा बस तेरा,
बुरे कर्म के रासते पै,
पैर चलै ना कदे मेरा,
एकला बाबा तूहे भतेरा,
होर किसे तै मै के चाहूँ,
जी कर रहया मेरा बाबा जी,
तेरी गोद म्ह आकै सो जाऊँ।।
बहोत सह लिया दर्द जगत का,
ईब आया म सोधी म्ह,
मनै सूणी सूख परम मिलै सै,
बैठ कै तेरी गोदी म्ह,
छोड़ कै सारा झूठा झमेला,
तेरे पै मर मीट जाऊँ,
जी कर रहया मेरा बाबा जी,
तेरी गोद म्ह आकै सो जाऊँ।।
लेकै नै के जाणा साथ म्ह,
खोटा लालच माया का,
अमृत चरण का प्यादे बाबा,
पाप कटै मेरी काया का,
तेरी छतरी के तलै नाथ जी,
अपणी उमर बिताऊँ,
जी कर रहया मेरा बाबा जी,
तेरी गोद म्ह आकै सो जाऊँ।।
क्यूकर भूल्लै गजेन्द्र स्वामी,
पल पल आवै तेरी याद,
हाथ पकड़ कै आण जगाया,
भंवर लाल करै धन्यवाद,
लक्की शरमा भजन करे बीन,
कैसे पार उतर जाऊँ,
जी कर रहया मेरा बाबा जी,
तेरी गोद म्ह आकै सो जाऊँ।।
धुणे आले बाबा जी तेरी,
भगती के म्ह खो जाऊँ,
जी कर रहया मेरा बाबा जी,
तेरी गोद म्हे आके सो जाऊँ,
जी कर रहया मेरा बाबा जी,
तेरी गोद म्ह आकै सो जाऊँ।।
गायक – लक्की शर्मा पिचौलिया।
लेखक / प्रेषक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लण।
9996800660