तेरी ही छवि में हम,
श्री बाबोसा को निहारे,
तेरे ही भरोसे है हम,
तुझको ही पुकारे,
तुमने ही बाबोसा से,
हमको मिलाया,
पतझड़ से जीवन में,
फूल खिलाया,
भक्तो के लब पे तेरा नाम,
बाईसा बाईसा,
बाईसा मंजू बाईसा।।
असम्भव को सम्भव बनाता है,
एक पल में कौन है वो, बाईसा,
घर घर बाबोसा की,
ज्योत जलाये जो कोन है वो, बाईसा,
धर्मनिष्ठ जनम से …ओ ..हो,
जिती अपने करम से …ओ ..हो,
जो लड़े हर गम से ..ओ ..हो,
प्यार तुझमे भरा,
जिसपे हमको भरोसा …ओ ..हो,
है वो श्री बाबोसा …ओ ..हो,
कहती मंजू बाईसा …ओ ..हो,
बाबोसा बल मेरा,
जीवन जिनके चरणों में वारा,
कहती बाईसा वो बाबोसा हमारा,
घर घर बने बाबोसा धाम,
बाईसा बाईसा,
बाईसा मंजू बाईसा।।
धर्म की राह पे हमको चलाये,
जो कौन है वो, बाईसा,
अपनो पे अपना प्यार लुटाये,
जो कौन है वो, बाईसा,
जो है करुणा की सागर ….ओ ..हो,
जो है प्रेम की गागर …..ओ ..हो,
दिव्य शक्ति को पाकर ..ओ ..हो,
कल्याण सबका करा,
जिनके तन में बाबोसा ….ओ ..हो,
जिनके मन मे बाबोसा …..ओ ..हो,
वो है मंजू बाईसा ..ओ ..हो,
“दिलबर” ये लाल तेरा,
बाईसा तुम हो गंगा की धारा,
बाबोसा बल से भक्तो को तारा,
भक्त पुकारे सुबह शाम,
बाईसा बाईसा,
बाईसा मंजू बाईसा।।
तेरी ही छवि में हम,
श्री बाबोसा को निहारे,
तेरे ही भरोसे है हम,
तुझको ही पुकारे,
तुमने ही बाबोसा से,
हमको मिलाया,
पतझड़ से जीवन में,
फूल खिलाया,
भक्तो के लब पे तेरा नाम,
बाईसा बाईसा,
बाईसा मंजू बाईसा।।
गायक – श्री हर्ष व्यास ( प्लेबैक सिंगर )
9820947184
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365