तेरी जगमग ज्योत जगाई है,
मां तेरे जगराते में,
मां तेरे जगराते में।।
ज्योति का तेरे नूर निराला,
ज्योति रूप में पुजती ज्वाला,
तेरा ज्वाला रूप में दर्शन पाने,
आए तेरे जगराते में।।
भक्तों ने तेरी महिमा गाई,
मैया दरस दिखाने आई,
भक्तों ने सारे कष्ट मिटाए,
मां तेरे जगराते में।।
‘लाडली’ भी तेरी भेंटे गाए,
दर पे तुझे सुनाने आए,
तूने ऊंची शान बनाई,
मेरी मां तेरे जगराते में।।
तेरी जगमग ज्योत जगाई है,
मां तेरे जगराते में,
मां तेरे जगराते में।।
स्वर / लेखन – तान्या लाडली भारद्वाज।