तेरी किरपा से महाकाल,
मैं एक घर बनवाऊंगा।
दोहा – महाकाल तुम्हारी किरपा से,
बने मेरा हर काम,
तेरे नाम से बन जाये,
जग में मेरी पहचान।
शिव समान दाता नहीं,
विपत निवारण हार,
लज्जा सबकी राखियो,
शिव नंदी के असवार।
तेरी किरपा से महाकाल,
मैं एक घर बनवाऊंगा,
घर के भीतर प्यारा सा,
मंदिर भी बनाऊंगा,
घर के बाहर मैं तो,
श्री महाँकाल लिखाऊंगा,
तेरे नाम से ही अपनी,
पहचान बनाऊंगा,
तेरी किरपा से महाँकाल।।
सुख दुख का साथी है,
महादेव हमारा है,
कोई जिसका नही उसका,
महाँकाल हमारा है,
महाँकाल की महिमा को,
घर घर पहुंचाऊंगा,
तेरे नाम से ही अपनी,
पहचान बनाऊंगा,
तेरी किरपा से महाँकाल।।
मैं महाँकाल दीवानों की,
पूरी फ़ौज में रहता हूं,
तुझे पाकर मैं बाबा,
बड़ी मोज में रहता हूं,
जगदीश तेरे भजनों पे,
भगतो को नचायेगा,
जगदीश तेरे भजनों पे,
नाचेगा गायेगा,
तेरे नाम से ही अपनी,
पहचान बनाऊंगा,
तेरी किरपा से महाँकाल।।
तेरी किरपा से महाँकाल,
मैं एक घर बनवाऊंगा,
घर के भीतर प्यारा सा,
मंदिर भी बनाऊंगा,
घर के बाहर मैं तो,
श्री महाँकाल लिखाऊंगा,
तेरे नाम से ही अपनी,
पहचान बनाऊंगा,
तेरी किरपा से महाँकाल।।
गायक / लेखक – जगदीश पारेता।
8827734754