तेरी किरपा से मैया,
हर काम हो गया,
काम तूने किया,
मेरा नाम हो गया।।
वक्त आते रहे,
वक्त जाते रहे,
तन के जख्मों को,
हमको सताते रहे,
तूने मरहम लगाई,
आराम हो गया,
जख्म तूने भरे,
मेरा काम हो गया,
काम तूने किया,
मेरा नाम हो गया।।
झोली भरती है तू,
ध्यान रखती है तू,
अपने भक्तों की चिंताए,
हरती है तू,
खुशियाँ तुमसे मिली,
सब खुशहाल हो गया,
दर्द तूने हरे,
मेरा काम हो गया,
काम तूने किया,
मेरा नाम हो गया।।
तेरी चौखट पे हर,
कोई सजदा करे,
तू है ममतामई,
सब पे रहमत करे,
‘योगी’ चरणों का,
तेरे गुलाम हो गया,
पहले गुमनाम था,
अब तो नाम हो गया,
काम तूने किया,
मेरा नाम हो गया।।
तेरी किरपा से मैया,
हर काम हो गया,
काम तूने किया,
मेरा नाम हो गया।।
स्वर – शहनाज़ अख्तर जी।