तेरी महिमा अजब निराली,
पशुपति भोले भंडारी,
मैं जाऊ नाथ बलिहारी,
हे अष्ट मूर्ति त्रिपुरारी,
तेरी महीमा अजब निराली,
पशुपति भोले भंडारी।।
ॐ नमो ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमो ॐ नमः शिवाय,
जय गंगाधर जय देवाय,
जय डमरूधर नमः शिवाय।
तर्ज – म्हारा कीर्तन में रंग।
हे कैलाशपति शिवशंकर,
जटाधारी भोले गंगाधर,
तेरे दर पे खड़ा ये सवाली,
मेरी भर दे प्यार से झोली,
तेरी महीमा अजब निराली,
पशुपति भोले भंडारी।।
ॐ नमो ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमो ॐ नमः शिवाय,
जय गंगाधर जय देवाय,
जय डमरूधर नमः शिवाय।
अष्ट मूर्ति है रूप निराला,
तुम ओमकार तुम ही महाकाला,
आये शरण तिहारी,
प्रभु बिगड़ी बना दे हमारी,
तेरी महीमा अजब निराली,
पशुपति भोले भंडारी।।
ॐ नमो ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमो ॐ नमः शिवाय,
जय गंगाधर जय देवाय,
जय डमरूधर नमः शिवाय।
निलकंठ में सर्प की माला,
बाबा तू है डमरू वाला,
तू सुनले विनय हमारी,
तेरी चाहें दया भंडारी,
तेरी महीमा अजब निराली,
पशुपति भोले भंडारी।।
ॐ नमो ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमो ॐ नमः शिवाय,
जय गंगाधर जय देवाय,
जय डमरूधर नमः शिवाय।
तुम अवधूत हो ओघडदानी,
देव तू ही सच्चा वरदानी,
तूने लाखो की विपदा टारि,
अब तो है मेरी बारी,
तेरी महीमा अजब निराली,
पशुपति भोले भंडारी।।
ॐ नमो ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमो ॐ नमः शिवाय,
जय गंगाधर जय देवाय,
जय डमरूधर नमः शिवाय।
तेरी महिमा अजब निराली,
पशु पति भोले भंडारी,
मैं जाऊ नाथ बलिहारी, बलिहारी,
हे अष्ट मूर्ति त्रिपुरारी,
तेरी महीमा अजब निराली,
पशुपति भोले भंडारी।।
ॐ नमो ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमो ॐ नमः शिवाय,
जय गंगाधर जय देवाय,
जय डमरूधर नमः शिवाय।
Singer : Shiv Pathak & Pawan Bhatiya
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