थारी माता केवे गोपी चंदा,
तू तज माया रा फंदा।।
तेरा पिता बंगाला रा राजा,
जारे बजता छतीसो बाजा,
राजा वे नर गया रे विलाई,
जारी खोज खबर ना पायी,
तेरी मात केवे गोपी चंदा,
तू तज माया रा फंदा।।
राजा हरिचंद तारावन्ति नारी,
वे भरयो नीच घर पानी,
रोहितास कंवर बिन रानी,
वा हरगा री हेलाणी,
तेरी मात केवे गोपी चंदा,
तू तज माया रा फंदा।।
लंका पति रावण राई,
जारे भर्ती छत्तीसों दुवाई,
वाने काल गियो गटकाई,
जारो राज विभीषण पाई,
तेरी मात केवे गोपी चंदा,
तू तज माया रा फंदा।।
गुरु केवे कबीर धिन माता,
माने राख्या चौरासी में जाता,
मारे मेर करी गुरु दाता,
में फिर जन्म नही पाता,
तेरी मात केवे गोपी चंदा,
तू तज माया रा फंदा।।
थारी माता केवे गोपी चंदा,
तू तज माया रा फंदा।।
– प्रेषक –
Manish Suthar
+91 9587190632