तेरी मेरी खूब बनेगी,
खूब निभेगी श्याम,
सेवक तुमको चाहिए,
मालिक मुझको श्याम।।
गंगा जल से तेरे चरण पखारुगां,
गंगा जल से,
गंगाजल से तेरे चरण पखारुगां,
घिस घिस चंदन तिलक लगाऊंगा,
रंग बिरंगे,
रंग बिरंगे बागे पहनाऊंगा तुझे श्याम,
तेरी मेरी खुब बनेगी,
खूब निभेगी श्याम,
सेवक तुमको चाहिए,
मालिक मुझको श्याम।।
फरमाओगे जो भी वही मैं करूंगा,
फरमाओगे,
फरमाओगे जो भी वही मैं करूंगा,
करूंगा मैं सेवा तेरी हाजरी भरूंगा,
रुचि रुचि,
रुचि रुचि बनाके खिलाऊंगा तुझे श्याम,
तेरी मेरी खुब बनेगी,
खूब निभेगी श्याम,
सेवक तुमको चाहिए,
मालिक मुझको श्याम।।
चरण दबाऊंगा मैं चवर डुलाऊंगा,
चरण दबाऊंगा,
चरण दबाऊंगा मैं चबर डुलाऊंगा,
होगी मेहर तेरी भजन सुनाऊंगा,
झूम झूम के,
झूम झूम के ‘टीकम’ रिजाऊंगा तुझे श्याम,
तेरी मेरी खुब बनेगी,
खूब निभेगी श्याम,
सेवक तुमको चाहिए,
मालिक मुझको श्याम।।
तेरी मेरी खूब बनेगी,
खूब निभेगी श्याम,
सेवक तुमको चाहिए,
मालिक मुझको श्याम।।
– गायक –
जयकुमार दीवाना ( मुंबई )
– संपर्क –
8828188105