तेरी मुरली की धुन सुनने,
मैं बरसाने से आयी हूँ।।
तर्ज़ – मुझे तेरी मौहब्बत क सहारा।
तेरी मुरली की धुन सुनने,
मैं बरसाने से आयी हूँ,
मैं बरसाने से आयी हूँ,
मैं वृषभानु की जाई हूँ,
अरे रसिया, ओ मन बसिया,
मैं इतनी दूर से आयी हूँ।।
सुना है श्याम मनमोहन,
माखन तुम चुराते हो ,
तुम्हे माखन खिलाने को,
मैं मटकी साथ लायी हूँ।।
सुना है श्याम मनमोहन,
की गायें तुम चराते हो,
तेरी गैया चराने को,
मैं ग्वाले साथ लायी हूँ।।
सुना है श्याम मनमोहन,
कृपा तुम खूब करते हो
कृपा तेरी मैं पाने को,
तेरे दरबार आयी हूँ।।
तेरी मुरली की धुन सुननें,
मैं बरसाने से आयी हूँ,
मैं बरसाने से आयी हूँ,
मैं वृषभानु की जाई हूँ,
अरे रसिया, ओ मन बसिया,
मैं इतनी दूर से आयी हूँ।।
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