तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम,
मेरे अलबेले श्याम,
अलबेले श्याम मेरे,
मतवाले श्याम।।
घर बार छोड़ा सब तेरी लगन में,
बावरी भयी डोलू ब्रिज की गलिन में,
मेरे साँसों की माला तेरे नाम,
मेरे अलबेले श्याम,
तेरी मुरली की मै हूं गुलाम,
मेरे अलबेले श्याम।।
साँवरे सलोने यही विनती हमारी,
करदो कृपा मैं हूँ दासी तुम्हारी,
तेरी सेवा करूँ आठों याम,
मेरे अलबेले श्याम,
तेरी मुरली की मै हूं गुलाम,
मेरे अलबेले श्याम।।
जब से लड़ी निगोड़ी,
तुझ संग अखियाँ,
चैन नहीं दिन में,
काटू रो रो के रतियाँ,
तूने कैसा दिया ये इनाम,
मेरे अलबेले श्याम,
तेरी मुरली की मै हूं गुलाम,
मेरे अलबेले श्याम।।
साँवरे सलोने यही विनती हमारी,
कर दो कृपा मैं हूँ दासी तुम्हारी,
तेरी सेवा करूँ आठो याम,
मेरे अलबेले श्याम,
तेरी मुरली की मै हूं गुलाम,
मेरे अलबेले श्याम।।
तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम,
मेरे अलबेले श्याम,
अलबेले श्याम मेरे,
मतवाले श्याम।।
गायिका – निकुंज कामरा।
Bahut achcha
Touching heartily bhajan