तेरी तेल की ज्योत जगादी,
काली आवैगी के ना।।
तर्ज – यशोदा कृष्ण ने समझा ले।
सुंदर दरबार सजाया,
मां तेरा जगराता करवाया,
जगराते में रौनक लादी,
काली आवैगी के ना।।
सेवक बहुत घणे आ रहे सैं,
ध्यान तेरे चरणां मैं ला रहे हैं,
माला फूलां की पहरा दी,
काली आवैगी के ना।।
अपणे किसे भगत सिर खेलो,
ध्यान दुखिया की ओड़ां देलो,
तेरी ज्योत से ज्योत मिला दी,
काली आवैगी के ना।।
भोग तेरे चरणां बीच धरा सै,
के तनै ना स्वीकार करा सै,
संकट ने देह सुकादी,
काली आवैगी के ना।।
कृष्ण पै शान करण आली,
राणा की से देखी भाली,
गलै संगीत सरिता बहादी,
काली आवैगी के ना।।
तेरी तेल की ज्योत जगादी,
काली आवैगी के ना।।
– गायक / प्रेषक –
कृष्ण जुआं वाले & जागरण पार्टी
9813297388