तेरो कान्हा बड़ो हरजाई रे,
दोहा – जो मैं ऐसा जानती,
प्रीत करे दुख होय,
नगर ढिंढोरा पीटती,
प्रीत ना करियो कोई।
तेरो कान्हा बड़ो हरजाई रे,
मोहे मारे नजरिया।।
गेल चलत में मेरा घूंघटा खोले,
घूंघटा खोले रे घूंघटा खोले,
मैं ना बोलूं मोसे जबरन बोले,
जबरन बोले हाय बरबस बोले,
याने ऐसी आदत बनाई रे,
श्याम मारे नजरिया,
तेरो लाला बडो हरजाईं रे,
मोहे मारे नजरिया।।
एक दिन गयी थी मैं पनिया भरन को,
पनिया भरन को रे पनिया भरन को,
वा ने गेल में भारी सताई रे,
श्याम मारे नजरिया,
तेरो लाला बडो हरजाईं रे,
मोहे मारे नजरिया।।
संग सहेली जाए दहिरा लेके,
दहिरा लेके रे दहिरा लेके,
मेरी दही की गगरिया गिराए हो,
श्याम मारे नजरिया,
तेरो लाला बडो हरजाईं रे,
मोहे मारे नजरिया।।
काम छोड़ सब सखियाँ भागे,
सखियाँ भागे रे सखियाँ भागे,
याने जब जब मुरली बजाई रे,
श्याम मारे नजरिया,
तेरो लाला बडो हरजाईं रे,
मोहे मारे नजरिया।।
तेरो कान्हा बडो हरजाई रे,
मोहे मारे नजरिया।।
गायक – लखन रघुवंशी / पूजा ओझा।
प्रेषक – राजु गोस्वामी।
६२६०६६५२९९