मारा सिंगोली रा श्याम,
थाने वंदन बारंबार,
सांवरा हेलो मारो सुणज्यो जी,
ठाकुर जी म्हारा,
हेलो मारो सुणज्यो जी।।
नित नया सिणगार ठाकुर जी,
लागो गणा रूपाला,
पिलो पितांबर बदामीयो जी,
बागा सोना वाला,
मुरली अधर धरा मन भाई,
ज्यारी महीमा बरणी ना जाई,
सावरा हेलो मारो सुणज्यो जी,
ठाकुर जी मारा,
हेलो मारो सुणज्यो जी।।
कसुंबल पाल कलंगी सोहे,
हिरो डाडी माही,
सावली सुरतिया ठाकुर,
बस गई नेणा माई,
चम चम चमके तुर्रा न्यारा,
जीलमील दमके वो सितारा,
सावरा हेलो मारो सुणज्यो जी,
ठाकुर जी मारा,
हेलो मारो सुणज्यो जी।।
धन्य धरा सिंगोली धरती,
धाम गणों है भारी,
दुर दुर सु आवे थारे,
दुनिया रा नर नारी,
थारी महिमा अपरंपार,
दर्शन पावे जग संसार,
सावरा हेलो मारो सुणज्यो जी,
ठाकुर जी मारा,
हेलो मारो सुणज्यो जी।।
रूप रूपाला छेल छोगाला,
भगता का रखवाला,
हर दम राखो साय भगत की,
काला गणा रुपाला,
राखो हरदम चरणा माई,
महीमा देव लीख लीख गाई,
सावरा हेलो मारो सुणज्यो जी,
ठाकुर जी मारा,
हेलो मारो सुणज्यो जी।।
मारा सिंगोली रा श्याम,
थाने वंदन बारंबार,
सांवरा हेलो मारो सुणज्यो जी,
ठाकुर जी म्हारा,
हेलो मारो सुणज्यो जी।।
गायक – देव शर्मा आमा।
8390376657