थाने कर मनुहार मनावा,
बरवाड़ा वाली मैया,
बरवाड़ा वाली मैया,
ओ चौथ मारी मईया,
थाने कर मनवार मनावा,
ओ चौथ मारी मैया।।
फुलड़ा में प्यारी लागे,
या भगता के मन भावे,
ओ संगमरमर का महला,
में बैठी हुकुम चलावे।।
ओ जगदंबा महारानी,
बैठी सिंह पे महारानी,
भगता का काज सवारे,
म्हारी भगवती महारानी।।
मैया थाँकी ऊंची ऊंची पैडया,
मईया चडियो न उत्तरियो जावे,
थाँकी ध्वजा उड़े असमाना,
बरवाड़ा वाली मैया।।
मईया थाँके लाल चुनरिया ल्याऊ,
थाने हाथा सु पहराऊं,
थाँकी बर बर नज़र उतारू,
जगदम्बा मारी मईया।।
मईया हेमन्त सैनी लिख गावे,
थाँरे पैदल पैदल आवे,
कृपा की मेहर बरसादियों जी,
महारानी मारी मईया।।
थाने कर मनुहार मनावा,
बरवाड़ा वाली मैया,
बरवाड़ा वाली मैया,
ओ चौथ मारी मईया,
थाने कर मनवार मनावा,
ओ चौथ मारी मैया।।
लेखक – हेमन्त सैनी इंदरगढ़।
मो. 9511552408
भजन गायिका – अंजली सैनी कनेसर।