थाने कठे भालवा जाऊ रे,
दोहा – राम नाम रटते रहो,
जबतक घट में प्राण,
कभी तो दीनदयाल के,
भनक पडेगी कान।
थाने कठे भालवा जाऊ रे,
सावरीयो घट माय रे,
सावरीयो घट माई रे,
बनवारी मारो घट माय,
थने कठे भालवा जाऊ रे,
सावरीयो घट माय रे।।
अरे गुरु देखीया चेला देखीया,
ओर देखीया नहीं रे,
सावरीयो घट माय,
थने कठे भालवा जाऊ रे,
सावरीयो घट माय रे।।
अरे राम देखीया लक्ष्मण देखीया,
देखी सीता माय रे,
सावरीयो घट माय,
थने कठे भालवा जाऊ रे,
सावरीयो घट माय रे।।
अरे कौरव देखीया पांडव देखीया,
ओर देखीया नही रे,
सावरीयो घट माय,
थने कठे भालवा जाऊ रे,
सावरीयो घट माय रे।।
अरे गंगा देखीया जमुना देखीया,
देखी सरस्वती माय रे,
सावरीयो घट माय,
थने कठे भालवा जाऊ रे,
सावरीयो घट माय रे।।
बाई मीरा केवे प्रभु गिरधर नागर,
गुरु मिलीया गम होई रे,
थने कठे भालवा जाऊ रे,
सावरीयो घट माय रे।।
थाने कठे भालवा जाऊ रे,
सावरीयो घट माय रे,
सावरीयो घट माई रे,
बनवारी मारो घट माय,
थने कठे भालवा जाऊ रे,
सावरीयो घट माय रे।।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818