थाने किस विद गावा गारी,
रायवर एकला जी,
हिल मिल गावे सखियां सारी,
शिवजी एकला जी।।
रुच रूच जीमो जी त्रिपुरारी,
था पर पल पल मैं बलिहारी,
थाने जन्म दियो कुण नारी,
थारा बाप कठे महतारी,
बैठया एकला जी,
हिल मिल गावे सखियां सारी,
शिवजी एकला जी।।
थारे भाई ना भोजाई,
थारे चाची नहीं है ताई,
थारे बहन नहीं मां जायी,
म्हारे लागो आप जंवाई,
रेवो एकला जी,
हिल मिल गावे सखियां सारी,
शिवजी एकला जी।।
थारे नानी नहीं है नाना,
थारे सब दिन एक समाना,
थे तो संतों सू नहीं छाना,
थे तो करो राम रस पाना,
बैठया एकला जी,
हिल मिल गावे सखियां सारी,
शिवजी एकला जी।।
थारे भुआ नहीं है मौसी,
थारा यक्ष कुबेर पड़ोसी,
थाने जाणे पंडित जोशी,
थाने भजया सर्व सुख होसी,
रायवर एकला जी,
हिल मिल गावे सखियां सारी,
शिवजी एकला जी।।
थारे चाचा नहीं भतीजा,
थारे ना कोई फूफा जीजा,
थारा ज्ञान नैत्र है तीजा,
थारे निरख निरख कर रिझा,
रायवर एकला जी,
हिल मिल गावे सखियां सारी,
शिवजी एकला जी।।
जीमण बैठया सकल बाराती,
सुण सुण खुशियां नहीं समाती,
भोजन परोस रहया बहु भांति,
मंगल गीत अप्सरा गाती,
रायवर एकला जी,
हिल मिल गावे सखियां सारी,
शिवजी एकला जी।।
थाने किस विद गावा गारी,
रायवर एकला जी,
हिल मिल गावे सखियां सारी,
शिवजी एकला जी।।
गायक – संत श्री रामप्रसाद जी महाराज।
प्रेषक – केशव।