थारा देवल में बाजा रे बाजे,
दिवला री जोत जगाई ऐ माँ,
आव आव मारी ईडाणा माँ,
अति कटे देर लगाई है माँ।।
शीश पे थारे रखड़ी सोवे,
नाका में नथड़ी लगाई ए माँ,
हिवड़े पे थारे हार डोले,
लाल चुनरिया ओढ़ाई ए माँ,
आव आव मारी ईडाणा माँ,
अति कटे देर लगाई है माँ।।
पल भर में थारी ज्योता होव,
अग्नि सनान कराई ये माँ,
चमत्कार थारा जग में भारी,
दुनिया दरसण आई ऐ माँ,
आव आव मारी ईडाणा माँ,
अति कटे देर लगाई है माँ।।
दूर दूर से आया है जातरी,
भक्ता ने दर्शन कराइ ए माँ,
भोग चढ़े थारे हर दिन भारी,
चूरमा रो भोग लगाई ये माँ,
आव आव मारी ईडाणा माँ,
अति कटे देर लगाई है माँ।।
दुखिया सुखिया करे विनती,
मन री आस जगाई ए मा,
हाथ जोड़ थाने अरज करे माँ,
बांजड गोद भराई ए माँ,
आव आव मारी ईडाणा माँ,
अति कटे देर लगाई है माँ।।
‘धरम तंवर’ चरणा रो चाकर,
हर दम आस लगाई ये माँ,
भक्त जना ने दरसन दीजे,
थारा भजन सुनाई ये माँ,
आव आव मारी ईडाणा माँ,
अति कटे देर लगाई है माँ।।
थारा देवल में बाजा रे बाजे,
दिवला री जोत जगाई ऐ माँ,
आव आव मारी ईडाणा माँ,
अति कटे देर लगाई है माँ।।
लेखक और गायक – धर्मेंद्र तंवर।
9829202569