थारा मंदिर कैसे आऊं रे सांवरिया,
रोके ड्योडीवान।।
मंदिर ऊपर चोतरो रे,
सोनो गले से सुनार,
कृष्णजी की घड़जे मुंदरी ने,
राधा जी रो नौसरियों हार रे,
थारा मन्दिर कैसे आऊं रे सांवरिया,
रोके ड्योडीवान।।
हाथी छुटियो शेर से रे,
कछुए पड़ी है पुकार,
दस दरवाजा बंद किया जे,
निकल गयो सवार रे,
थारा मन्दिर कैसे आऊं रे सांवरिया,
रोके ड्योडीवान।।
हीरो पडियो चौक में रे,
ढाढल फिर फिर जाए,
आएगो हीरा रो पारखी ने,
लई जाएगो हीरो उठाए रे,
थारा मन्दिर कैसे आऊं रे सांवरिया,
रोके ड्योडीवान।।
मंदिर थारो दूर घणो रे,
मोसे तो चढियो नी जाए,
कीजो मुरारी जाए के रे म्हारा,
हाथ पकड़ लई जाए रे,
थारा मन्दिर कैसे आऊं रे सांवरिया,
रोके ड्योडीवान।।
थारा मंदिर कैसे आऊं रे सांवरिया,
रोके ड्योडीवान।।
स्वर – मयंक जी उपाध्याय।