थारा नाग ने मैं हेरन आयो,
नागिन बतला दे।।
राग – कुचामन।
ग्वाल बाल सब हुआ इकट्ठा,
गेंद को खेल रचायो रे,
अब खेलत गेंद गई यमुना में,
में लारा को लारा आयो ये,
नागिन बतलादे।।
केवे नागिन सुनो कृष्ण जी,
तू बालक क्यों आयो रे,
नाग जागसी थने मारसी,
अपने घर को जाओ रे,
नागिन बतलादे।।
केवे कृष्ण जी सुनो ये नागिन,
में नाथन ने आयो रे,
अब नागिन कंत जगादे थारो,
में नाथन ने आयो रे,
नागिन बतलादे।।
अब शेष फना से जागे,
नाग जी इन्द्र ज्यूँ गरणायो रे,
मारी फूंक जद पड़ग्या ओ काला,
फ़न फ़न नृत्य करायो रे,
नागिन बतलादे।।
नाग नाथ प्रभु बाहर आया,
मोत्यां का चोक पुराया रे,
मात यसोदा करे आरती,
ये सखिया मंगल गायो रे,
नागिन बतलादे।।
थारा नाग ने मैं हेरन आयो,
नागिन बतला दे।।
गायक – रामप्रसाद वैष्णव पिथास।
प्रेषक – चारभुजा साउंड जोरावरपुरा।
9460405693