प्यारा बाबोसा भगवान,
थारे हाथ में म्हारी डोर,
कसके रखना डोर पकड़ के,
डोर बड़ी कमजोर,
थारें हाथ में म्हारी डोर।।
चंचल मन मेरा दौड़ा जाये,
समझाऊं पर समझ न पाये,
वश में करले चूरू वाले,
तेरा जोर है इसपे चाले,
कर इस बात पे र गौर,
थारें हाथ में म्हारी डोर।।
बाबोसा मुझको तू ही संभाले,
छोड़े या पकड़े तेरे हवाले,
तु ही मेरे मन का मीत,
तुझसे लागी साँची प्रीत,
तेरे सिवा न मेरा कोई और,
थारें हाथ में म्हारी डोर।।
तुझमे बाबोसा म्हारो मन लागे,
करू थारी सेवा भाग म्हारा जागे,
‘दिलबर’ तुझसे अर्ज लगावे,
थारी कृपा का बस गुण गावे,
म्हारे मन का नाचे मोर,
थारें हाथ में म्हारी डोर।।
प्यारा बाबोसा भगवान,
थारे हाथ में म्हारी डोर,
कसके रखना डोर पकड़ के,
डोर बड़ी कमजोर,
थारें हाथ में म्हारी डोर।।
गायिका – रेखा जी राव।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365