थारे हाथा में ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में,
कस के रखियो डोर पकड़के,
कस के रखियो डोर पकड़के,
डोर बड़ी कमजोर,
थारे हाथा मे ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में।।
थे ही जानो से के मन की,
म्हारी भी कुछ जानो जी,
म्हारे मनड़े पे सांवरिया,
म्हारे मनड़े पे सांवरिया,
जी चाले थारो जोर,
थारे हाथां में,
थारे हाथा मे ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में।।
दुनिया को तो घणो सहारो,
म्हारा सबकुछ थे ही थे,
किस विध करा बड़ाई थारी,
किस विध करा बड़ाई,
थे तो कालजिये री कोर,
थारे हाथां में,
थारे हाथा मे ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में।।
कलयुग में थारा दर्शन करके,
‘चोखानी’ दुःख टल जावे,
‘लख्खा’ शरणागत होकर बेठ्यो,
‘लख्खा’ शरणागत होकर बेठ्यो,
निरखे थारी ओर,
थारे हाथां में,
थारे हाथा मे ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में।।
जीवन री म्हारी नईया बाबा,
थारे भरोसे छोड़ी रे,
तेज लहर है घणो बवंडर,
अन्धकार घनघोर,
थारे हाथां में,
थारे हाथा मे ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में।।
थारे हाथा में ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में,
कस के रखियो डोर पकड़के,
कस के रखियो डोर पकड़के,
डोर बड़ी कमजोर,
थारे हाथा मे ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में।।