थारे ओरण वाली परिक्रमा,
दोहा – सुख देणो दुख मेटणो,
म्हारी मां करणी रो काम,
चरण शरण दे चारणी,
पुन पुन करूं प्रणाम।
म्हारे काबा वाली मावड़ी,
दरबार थारे आवा,
थारे ओरण वाली परिक्रमा,
मैं देवा मारी कर्नल माँ,
मनड़े री आस पुराई जो सा।।
मेहाई अंबे मैया थारो,
ध्यान में लगावा,
थारे चरणा माही,
शीश में झुकावा,
मारि ए कर्नल मा,
मनड़े री आस पुरायजोसा।।
देसाणे वाली मावड़ी,
थारी जोत मे जगावा,
थारे मंदिर वाली परिक्रमा,
मैं देवा मैया साचौड़ी,
मनड़े री आस पुराय जो सा।।
ओ मारे लाडा वाली मावड़ी,
थारे प्रसादी चढ़ावा,
थारे चरणा माई शीश में झुकावा,
मारी कर्नल मां,
मनड़े री आस पुराय जो सा।।
ओ मारे लाडा वाली मांवड़ी,
थाने भगत मंडली गावे,
थारे चरणा में शीश झुकावा,
मारी कर्नल मा,
मनड़े री आस पुराय जो सा,
मनड़े री आस पुराय जो सा।।
म्हारे काबा वाली मावड़ी,
दरबार थारे आवा,
थारे औरण वाली परिक्रमा,
मैं देवा मारी कर्नल माँ,
मनड़े री आस पुराई जो सा।।
प्रेषक – सुभाष सारस्वत काकड़ा।
9024909170