थारी जय हो माँ भटियाणी,
है जसोल गढ़ महारानी,
म्हे शरणे आया थारी,
थे करजो महरबानी,
थारी जय हों मां भटियाणी।।
टाबरिया पे प्यार लुटाओ,
है माँ मोतिया वाली,
चरणों में बैठा रहस्या,
म्हारी होसी रोज दिवाली,
थारी म्हारी प्रीत पुरानी,
है जसोल गढ़ महारानी,
म्हे शरणे आया थारी,
थे करजो महरबानी,
थारी जय हो मां भटियाणी।।
जोगीदास में जन्म लियो माँ,
स्वरूप कुँवर थो नाम,
जसोलगढ़ ओर जोगीदास में,
बणियो है आपरो धाम,
क्षत्रिय कुल री क्षत्राणी,
है जसोल गढ़ महारानी,
म्हे शरणे आया थारी,
थे करजो महरबानी,
थारी जय हो मां भटियाणी।।
सती बण बैठा माँ भटियाणी,
सबरा रा कारज सारे,
साँचे मन माजीसा ने सुमरे,
उणरा भाग्य सँवारे,
मैया कलयुग में पुजाणी,
है जसोल गढ़ महारानी,
म्हे शरणे आया थारी,
थे करजो महरबानी,
थारी जय हो मां भटियाणी।।
घणा दिनों सु आस थी मैया,
जसोलगढ़ में आऊँ,
माजीसा थारा पाकर,
जीवन सफल बणाऊं,
म्हारी सफल हुई जिंदगानी,
है जसोल गढ़ महारानी,
म्हे शरणे आया थारी,
थे करजो महरबानी,
थारी जय हो मां भटियाणी।।
थारी जय हो मां भटियाणी,
है जसोल गढ़ महारानी,
म्हे शरणे आया थारी,
थे करजो महरबानी,
थारी जय हो मां भटियाणी।।
गायिका – सम्यता बेनर्जी मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365