थारी नगरी में साँवरिया,
नाँचू दोनू आँख्या मीच,
ओ दोनू आँख्या मीच,
साँवरा दोनू आँख्या मीच,
थारी नगरी मे साँवरिया,
नाँचू दोनू आँख्या मीच।।
बिन दर्शन मनड़ो नहीं माने,
जी भर मायो म्हारो क्याने,
नैण नचावे छाने छाने,
अण समझी मैं लई रे कन्हैया,
बेल प्रीत की सींच।
ओ थारी नगरी मे साँवरिया,
नाँचू दोनू आँख्या मीच।।
थारे से भीतर लो मिलग्यो,
चाण चुकी चुपके स हिलग्यो,
लटक देख मेरो मन खिलग्यो,
घणी दूर से आयो हूँ प्रभु,
क्यां की खिंचम खींच।
ओ थारी नगरी मे साँवरिया,
नाँचू दोनू आँख्या मीच।।
मैं नाचूं मेरो मनड़ो नाचे,
संसारी सब थाने जांचे,
रेख नसीबा की कुण बांचे,
सूरत सुहागण नाचे थारे,
मन्दिरियाँ के बीच।
थारी नगरी मे साँवरिया,
नाँचू दोनू आँख्या मीच।।
‘श्याम बहादुर’ थे मनगरिया,
‘शिव’ के तो थारा ही जरिया,
याँदा में दोऊं नैना झरिया,
मोड़ घणां बैकुंठ सांकड़ी,
मांची भिचम भीच।
ओ थारी नगरी मे साँवरिया,
नाँचू दोनू आँख्या मीच।।
थारी नगरी में साँवरिया,
नाँचू दोनू आँख्या मीच,
ओ दोनू आँख्या मीच,
साँवरा दोनू आँख्या मीच,
थारी नगरी मे साँवरिया,
नाँचू दोनू आँख्या मीच।।
Singer : Sanju Sharma
Sent By : Anant Goenka
Muze mera bhajan post krwana h
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