थे ही हो गंगा रा वासी,
दोहा – गंगा न नहायो गोमती,
चड्यो न गढ़ गिरनार,
बिनाजारे री बैल ज्यु,
गयो जमारो हार।
थे ही हो गंगा रा वासी,
गंगा नहाय घर आया,
गंगा नहाया यमुना नहाया,
बद्री नहाय घर आया,
थे ई हो गंगा रा वासी,
गंगा नहाय घर आया।।
हाथ में सोने रो चुटियो,
दडीया रमता आया,
थे ई हो गंगा रा वासी,
गंगा नहाय घर आया।।
हाथ में झर झरती झारी,
माय गंगाजल लाया,
थे ई हो गंगा रा वासी,
गंगा नहाय घर आया।।
हाथ में पितलियो लोटो,
माय गंगाजल लाया,
थे ई हो गंगा रा वासी,
गंगा नहाय घर आया।।
हाथ में रेशमियो खड़ियो,
माय मखाना लाया,
थे ई हो गंगा रा वासी,
गंगा नहाय घर आया।।
हाथ में रेशम की धोती,
हरि हरि करता आया,
थे ई हो गंगा रा वासी,
गंगा नहाय घर आया।।
हाथ में चंदन की माला,
राम रटता आया,
थे ई हो गंगा रा वासी,
गंगा नहाय घर आया।।
थे ई हो गंगा रा वासी,
गंगा नहाय घर आया,
गंगा नहाया यमुना नहाया,
बद्री नहाय घर आया,
थे ई हो गंगा रा वासी,
गंगा नहाय घर आया।।
गायक – संत राजू महाराज व पूनम सिंवर।
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