थे ही जानो जी,
हाथां में थारे या पतवार,
म्हे तो हाँ तेरे भरोसे,
म्हे तो हाँ तेरे भरोसे,
सगळो परिवार,
थे ही जाणो जी,
हाथां में थारे या पतवार।।
ॐ श्री श्याम देवाय नमः,
सुमिरन करता जावा,
तेरी छत्तर छाया में मैं,
बैठ्या मौज मनावा,
मरकर भी मैं ना भूल्या,
मरकर भी मैं ना भूल्या,
थारो उपकार,
थे ही जाणो जी,
हाथां में थारे या पतवार।।
कदम कदम पे साथी बनके,
बेड़ो पार लगाओ,
घट घट की जाणो हो थे,
मीठा मीठा मुस्काओ,
भक्ति में तेरी नाचे,
भक्ति में तेरी नाचे,
झूमे संसार,
थे ही जाणो जी,
हाथां में थारे या पतवार।।
‘लहरी’ देख्या चमत्कार के,
हिवड़ो यो हर्षावे,
जो भी शरणा आवे वो,
सूती तक़दीर जगावे,
प्यारो यो प्यारो म्हाने,
प्यारो यो प्यारो म्हाने,
तेरो दीदार,
थे ही जाणो जी,
हाथां में थारे या पतवार।।
थे ही जानो जी,
हाथां में थारे या पतवार,
म्हे तो हाँ तेरे भरोसे,
म्हे तो हाँ तेरे भरोसे,
सगळो परिवार,
थे ही जाणो जी,
हाथां में थारे या पतवार।।
स्वर – उमा लहरी जी।