थे पार्श्व प्रभु ने कह द्यो,
भेरूजी सिफारिश करदियो,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
खुशियो री बारिश करदियो,
थे पार्श्व प्रभु ने कहदियो।।
जाणो हो थे मन की बांता,
थाने के बतलावां,
खोल दियो थारे आगे पिटारों,
थांसु काई छिपावां,
म्हारे सिर पे हाथ धरदियो,
भेरूजी सिफारिश करदियो,
थे पार्श्व प्रभु ने कहदियो।।
नसीब होवे खोटो म्हारो,
तू मालिक है मोटो,
भरियोडो है थारो खजानों,
पड़े न ऊणमे टोटो,
भक्ता री झोलियां भरदियो,
भेरूजी सिफारिश करदियो,
थे पार्श्व प्रभु ने कहदियो।।
सुण लेसी जद पार्श्वनाथ तो,
‘दिलबर’ ने बतइजो,
पार्श्व प्रभु के संग भेरूजी,
म्हारी कुटिया में आईजो,
भक्ता री विनती सुणल्यो,
भेरूजी सिफारिश करदियो,
थे पार्श्व प्रभु ने कहदियो।।
थे पार्श्व प्रभु ने कह द्यो,
भेरूजी सिफारिश करदियो,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
खुशियो री बारिश करदियो,
थे पार्श्व प्रभु ने कहदियो।।
गायक – किशन गोयल बालोतरा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365