थोड़ी दया तो मेरी,
झोली में डाल दे माँ,
तेरे बगैर मेरा,
है कौन शारदे मां,
थोडी दया तो मेरी,
झोली में डाल दे माँ।।
तर्ज़ – चूड़ी मज़ा ना देगी।
आया हूं द्वार तेरे,
दुख दूर करो मेरे,
दर्शन की एक झलक से,
मिट जायेंगे अंधेरे,
मैया तेरे ललन को,
ध्यानु सा प्यार दे मां,
थोडी दया तो मेरी,
झोली में डाल दे माँ।।
है शेर की सवारी,
लगती है प्यारी प्यारी,
मैया के आंगना में,
होती है भीड़ भारी,
तारा है पापियों को,
मुझको भी तार दे मां,
थोडी दया तो मेरी,
झोली में डाल दे माँ।।
चूड़ी चढ़ा रहे है,
चूनर ओढ़ा रहे है,
ज्योति जला जला कर,
मां को मना रहे है,
फरियाद कर रहे है,
बिगड़ी संवार दे मां,
थोडी दया तो मेरी,
झोली में डाल दे माँ।।
जानू ना तेरी पूजन,
श्रद्धा के फूल अर्पण,
नैना “पदम”के प्यासे,
मैया जी देदो दर्शन,
डूबा हूं मैं भंवर में,
अब तो उबार दे मां,
थोडी दया तो मेरी,
झोली में डाल दे माँ।।
थोड़ी दया तो मेरी,
झोली में डाल दे माँ,
तेरे बगैर मेरा,
है कौन शारदे मां,
थोडी दया तो मेरी,
झोली में डाल दे माँ।।
लेखक / गायक – डालचन्द कुशवाह “पदम”
9827624524