टूट गयी है माला,
मोती बिखर चले,
दो दिन रह कर साथ,
जाने किधर चले।।
मिलन की दुनिया छोड़ चले यह,
आज बिरह मे सपने,
मिलन की दुनिया छोड़ चले यह
आज बिरह मे सपने,
खोए खोए नैनों मे हैं,
उजड़े उजड़े सपने,
उजड़े उजड़े सपने,
याद की गठरी लिए,
झुकाए नज़र चले,
दो दिन रह कर साथ,
जाने किधर चले।।
अब तो यह जग मे जियेंगे,
आँसू पीते पीते,
अब तो यह जग मे जियेंगे,
आँसू पीते पीते,
जैसी इनपे बीती वैसी,
और किसी पे ना बीते,
और किसी पे ना बीते,
कोई मत पूछो इन्हें लिए,
किस डगर चले,
दो दिन रह कर साथ,
जाने किधर चले।।
टूट गयी है माला,
मोती बिखर चले,
दो दिन रह कर साथ,
जाने किधर चले।।
https://youtu.be/sBMiQZ6IroE