टॉप 10 श्रीराम भजन लिरिक्स – Top 10 Shri Ram Bhajan Lyrics
जय श्री राम जी की मित्रों ! इस पेज पर आपको Top 10 Shri Ram Bhajan Lyrics, टॉप 10 श्रीराम भजन की लिस्ट, लिरिक्स और वीडियो उपलब्ध कराया जा रहा है। यदि आप रामायण (रामानंद सागर कृत) के समस्त भजन देखना चाहते है तो रामायण भजन लिरिक्स केटेगरी पर देखे। इस पोस्ट के अंत में मेरी पसंद के कुछ विशेष श्री राम जी के भजनों की लिस्ट भी आपको मिलेगी। आइये देखते है –
Top 10 Shri Ram Bhajan List – टॉप 10 श्री राम भजन की लिस्ट –
1. राम कहने से तर जाएगा भजन लिरिक्स
2. हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की लिरिक्स
3. जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है लिरिक्स
4. दुनिया चले ना श्री राम के बिना लिरिक्स
5. तेरे मन में राम तन में राम रोम रोम में राम रे लिरिक्स
6. राम कहानी सुनो रे राम कहानी भजन लिरिक्स
7. राम नाम अति मीठा है लिरिक्स
8. रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया लिरिक्स
9. भजन बिना चैन ना आये राम लिरिक्स
10. जिस भजन में राम का नाम ना हो लिरिक्स
1. राम कहने से तर जाएगा भजन लिरिक्स
राम कहने से तर जाएगा,
पार भव से उतर जायेगा।।
उस गली होगी चर्चा तेरी,
उस गली होगी चर्चा तेरी,
जिस गली से गुजर जायेगा,
राम कहने से तर जाएगा।।
बड़ी मुश्किल से नर तन मिला,
बड़ी मुश्किल से नर तन मिला,
कल ना जाने किधर जाएगा,
राम कहने से तर जाएगा।।
अपना दामन तो फैला ज़रा,
अपना दामन तो फैला ज़रा,
कोई दातार भर जाएगा,
राम कहने से तर जाएगा।।
सब कहेंगे कहानी तेरी,
सब कहेंगे कहानी तेरी,
जब इधर से उधर जाएगा,
राम कहने से तर जाएगा।।
याद आएगी चेतन तेरी,
याद आएगी चेतन तेरी,
काम ऐसा जो कर जाएगा,
राम कहने से तर जाएगा।।
राम कहने से तर जाएगा,
कल ना जाने किधर जाएगा,
जिस गली से गुजर जायेगा,
पार भव से उतर जायेगा।।
2. हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की लिरिक्स
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।।
श्लोक – ॐ श्री महागणाधिपतये नमः,
ॐ श्री उमामहेश्वराभ्याय नमः।
वाल्मीकि गुरुदेव के पद पंकज सिर नाय,
सुमिरे मात सरस्वती हम पर होऊ सहाय।
मात पिता की वंदना करते बारम्बार,
गुरुजन राजा प्रजाजन नमन करो स्वीकार।।
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।।
जम्बुद्विपे भरत खंडे आर्यावर्ते भारतवर्षे,
एक नगरी है विख्यात अयोध्या नाम की,
यही जन्म भूमि है परम पूज्य श्री राम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।।
रघुकुल के राजा धर्मात्मा,
चक्रवर्ती दशरथ पुण्यात्मा,
संतति हेतु यज्ञ करवाया,
धर्म यज्ञ का शुभ फल पाया।
नृप घर जन्मे चार कुमारा,
रघुकुल दीप जगत आधारा,
चारों भ्रातों के शुभ नामा,
भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मण रामा।।
गुरु वशिष्ठ के गुरुकुल जाके,
अल्प काल विद्या सब पाके,
पूरण हुई शिक्षा,
रघुवर पूरण काम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।।
मृदु स्वर कोमल भावना,
रोचक प्रस्तुति ढंग,
एक एक कर वर्णन करें,
लव कुश राम प्रसंग,
विश्वामित्र महामुनि राई,
तिनके संग चले दोउ भाई,
कैसे राम ताड़का मारी,
कैसे नाथ अहिल्या तारी।
मुनिवर विश्वामित्र तब,
संग ले लक्ष्मण राम,
सिया स्वयंवर देखने,
पहुंचे मिथिला धाम।।
जनकपुर उत्सव है भारी,
जनकपुर उत्सव है भारी,
अपने वर का चयन करेगी सीता सुकुमारी,
जनकपुर उत्सव है भारी।।
जनक राज का कठिन प्रण,
सुनो सुनो सब कोई,
जो तोड़े शिव धनुष को,
सो सीता पति होई।
को तोरी शिव धनुष कठोर,
सबकी दृष्टि राम की ओर,
राम विनय गुण के अवतार,
गुरुवर की आज्ञा सिरधार,
सहज भाव से शिव धनु तोड़ा,
जनकसुता संग नाता जोड़ा।
रघुवर जैसा और ना कोई,
सीता की समता नही होई,
दोउ करें पराजित,
कांति कोटि रति काम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।।
सब पर शब्द मोहिनी डारी,
मन्त्र मुग्ध भये सब नर नारी,
यूँ दिन रैन जात हैं बीते,
लव कुश नें सबके मन जीते।
वन गमन, सीता हरण, हनुमत मिलन,
लंका दहन, रावण मरण, अयोध्या पुनरागमन।
सविस्तार सब कथा सुनाई,
राजा राम भये रघुराई,
राम राज आयो सुखदाई,
सुख समृद्धि श्री घर घर आई।
काल चक्र नें घटना क्रम में,
ऐसा चक्र चलाया,
राम सिया के जीवन में फिर,
घोर अँधेरा छाया।
अवध में ऐसा, ऐसा इक दिन आया,
निष्कलंक सीता पे प्रजा ने,
मिथ्या दोष लगाया,
अवध में ऐसा, ऐसा इक दिन आया।
चल दी सिया जब तोड़ कर,
सब नेह नाते मोह के,
पाषाण हृदयों में,
ना अंगारे जगे विद्रोह के।
ममतामयी माँओं के आँचल भी,
सिमट कर रह गए,
गुरुदेव ज्ञान और नीति के,
सागर भी घट कर रह गए।
ना रघुकुल ना रघुकुलनायक,
कोई न सिय का हुआ सहायक।
मानवता को खो बैठे जब,
सभ्य नगर के वासी,
तब सीता को हुआ सहायक,
वन का इक सन्यासी।
उन ऋषि परम उदार का,
वाल्मीकि शुभ नाम,
सीता को आश्रय दिया,
ले आए निज धाम।
रघुकुल में कुलदीप जलाए,
राम के दो सुत सिय नें जाए।
( श्रोतागण ! जो एक राजा की पुत्री है,
एक राजा की पुत्रवधू है,
और एक चक्रवर्ती राजा की पत्नी है,
वही महारानी सीता वनवास के दुखों में,
अपने दिन कैसे काटती है,
अपने कुल के गौरव और स्वाभिमान की रक्षा करते हुए,
किसी से सहायता मांगे बिना,
कैसे अपना काम वो स्वयं करती है,
स्वयं वन से लकड़ी काटती है,
स्वयं अपना धान कूटती है,
स्वयं अपनी चक्की पीसती है,
और अपनी संतान को स्वावलंबी बनने की शिक्षा,
कैसे देती है अब उसकी एक करुण झांकी देखिये ) –
जनक दुलारी कुलवधू दशरथजी की,
राजरानी होके दिन वन में बिताती है,
रहते थे घेरे जिसे दास दासी आठों याम,
दासी बनी अपनी उदासी को छुपाती है,
धरम प्रवीना सती, परम कुलीना,
सब विधि दोष हीना जीना दुःख में सिखाती है,
जगमाता हरिप्रिया लक्ष्मी स्वरूपा सिया,
कूटती है धान, भोज स्वयं बनाती है,
कठिन कुल्हाडी लेके लकडियाँ काटती है,
करम लिखे को पर काट नही पाती है,
फूल भी उठाना भारी जिस सुकुमारी को था,
दुःख भरे जीवन का बोझ वो उठाती है,
अर्धांगिनी रघुवीर की वो धर धीर,
भरती है नीर, नीर नैन में न लाती है,
जिसकी प्रजा के अपवादों के कुचक्र में वो,
पीसती है चाकी स्वाभिमान को बचाती है,
पालती है बच्चों को वो कर्म योगिनी की भाँती,
स्वाभिमानी, स्वावलंबी, सबल बनाती है,
ऐसी सीता माता की परीक्षा लेते दुःख देते,
निठुर नियति को दया भी नही आती है।।
उस दुखिया के राज दुलारे,
हम ही सुत श्री राम तिहारे।
सीता माँ की आँख के तारे,
लव कुश हैं पितु नाम हमारे,
हे पितु भाग्य हमारे जागे,
राम कथा कही राम के आगे।।
पुनि पुनि कितनी हो कही सुनाई,
हिय की प्यास बुझत न बुझाई,
सीता राम चरित अतिपावन,
मधुर सरस अरु अति मनभावन।।
।।ॐ।। जय सियाराम ।।ॐ।।
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3. जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है लिरिक्स
जरा देर ठहरो राम,
तमन्ना यही है,
अभी हमने जी भर के,
देखा नहीं है।।
कैसी घडी आज,
जीवन की आई,
अपने ही प्राणो की,
करते विदाई,
अब ये अयोध्या,
अब ये अयोध्या हमारी नहीं है,
अभी हमने जी भर के,
देखा नहीं है।।
माता कौशल्या की,
आँखों के तारे,
दशरथ जी के हो,
राज दुलारे,
कभी ये अयोध्या को,
भुलाना नहीं है,
अभी हमने जी भर के,
देखा नहीं है।।
जाओ प्रभु अब,
समय हो रहा है,
घरो का उजाला भी,
कम हो रहा है,
अँधेरी निशा का,
ठिकाना नहीं है,
अभी हमने जी भर के,
देखा नहीं है।।
जरा देर ठहरो राम,
तमन्ना यही है,
अभी हमने जी भर के,
देखा नहीं है,
जरा देर ठहरो भगवन,
तमन्ना यही है,
अभी हमने जी भर के,
देखा नहीं है।।
4. दुनिया चले ना श्री राम के बिना लिरिक्स
दुनिया चले ना श्री राम के बिना,
राम जी चले ना हनुमान के बिना।।
सीता हरण की कहानी सुनो,
बनवारी मेरी जुबानी सुनो,
सीता मिले ना श्री राम के बिना,
पता चले ना हनुमान के बिना,
ये दुनिया चले ना श्री राम के बिना,
राम जी चले ना हनुमान के बिना।।
लक्ष्मण का बचना मुश्किल था,
कौन बूटी लाने के काबिल था,
लक्षण बचे ना श्री राम के बिना,
बूटी मिले ना हनुमान के बिना,
दुनिया चलें ना श्री राम के बिना,
राम जी चले ना हनुमान के बिना।।
जब से रामायण पढ़ ली है,
एक बात हमने समझ ली है,
रावण मरे नी श्री राम के बिना,
लंका जले ना हनुमान के बिना,
ये दुनिया चलें ना श्री राम के बिना,
राम जी चले ना हनुमान के बिना।।
सिंहासन पे बैठे है श्री राम जी,
चरणों में बैठे हैं हनुमान जी,
मुक्ति मिले ना श्री राम के बिना,
भक्ति मिले ना हनुमान के बिना,
ये दुनिया चलें ना श्री राम के बिना,
राम जी चले ना हनुमान के बिना।।
वेदों पुराणों ने कह डाला,
राम जी का साथी बजरंग बाला,
राम ना जियेंगे हनुमान के बिना,
हनुमान ना रहेंगे श्री राम के बिना,
ये दुनिया चलें ना श्री राम के बिना,
राम जी चले ना हनुमान के बिना।।
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5. तेरे मन में राम तन में राम रोम रोम में राम रे लिरिक्स
तेरे मन में राम,
तन में राम।
दोहा – राम नाम की लूट है,
लूट सके तो लूट,
अंत काल पछतायेगा,
जब प्राण जायेंगे छूट।
तेरे मन में राम,
तन में राम,
रोम रोम में राम रे,
राम सुमीर ले,
ध्यान लगा ले,
छोड़ जगत के काम रे,
बोलो राम बोलो राम,
बोलो राम राम राम।।
माया में तु उलझा उलझा,
दर दर धुल उड़ाए,
अब क्यों करता मन भारी जब,
माया साथ छुड़ाए,
दिन तो बीता दौड़ धुप में,
ढल जाए ना शाम रे,
बोलो राम बोलो राम,
बोलो राम राम राम।।
तन के भीतर पांच लुटेरे,
डाल रहे है डेरा,
काम क्रोध मद लोभ मोह ने,
तुझको ऐसा घेरा।
भुल गया तू राम रटन,
भूला पूजा का काम रे,
बोलो राम बोलो राम,
बोलो राम राम राम।।
बचपन बीता खेल खेल में,
भरी जवानी सोया,
देख बुढापा अब क्यों सोचे,
क्या पाया क्या खोया,
देर नहीं है अब भी बन्दे,
ले ले उस का नाम रे,
बोलो राम बोलो राम,
बोलो राम राम राम।।
तेरे मन में राम,
तन में राम,
रोम रोम में राम रे,
राम सुमीर ले,
ध्यान लगा ले,
छोड़ जगत के काम रे,
बोलो राम बोलो राम,
बोलो राम राम राम।।
6. राम कहानी सुनो रे राम कहानी भजन लिरिक्स
राम कहानी सुनो रे राम कहानी,
कहत सुनत आवे,
कहत सुनत आवे,
अँखियों में पानी,
राम कहानी सुनों रे राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।।
दशरथ के राज दुलारे,
कौशल्या की आँख के तारे,
वे सूर्यवंश के सूरज,
वे रघुकुल के उजियारे,
राजीव नयन बोले,
राजीव नयन बोले,
मधु भरी बानी,
राम कहानी सुनों रे राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।।
शिव धनुष भंग प्रभु करके,
ले आए सीता वर के,
घर त्याग भए वनवासी,
पित की आज्ञा सर धरके,
लखन सिया ले संग,
लखन सिया ले संग,
छोड़ी रजधानी,
राम कहानी सुनों रे राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।।
खलभेष भिक्षु का धरके,
भिक्षा का आग्रह करके,
उस जनक सूता सीता को,
छल बल से ले गया हरके,
बड़ा दुःख पावे,
बड़ा दुःख पावे,
राजा राम जी की रानी,
राम कहानी सुनों रे राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।।
श्री राम ने मोहे पठायो,
मैं राम दूत बन आयो,
सीता माँ की सेवा में,
रघुवर को संदेसा लायो,
और संग लायो,
और संग लायो,
प्रभु मुद्रिका निशानी,
राम कहानी सुनों रे राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।।
राम कहानी सुनो रे राम कहानी,
कहत सुनत आवे,
कहत सुनत आवे,
अँखियों में पानी,
राम कहानी सुनों रे राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।।
स्वर – श्री रविंद्र जैन।
7. राम नाम अति मीठा है लिरिक्स
राम नाम अति मीठा है,
कोई गा के देख ले,
आ जाते है राम,
कोई बुला के देख ले,
राम नाम अतिं मीठा है,
कोई गा के देख ले,
आ जाते है राम,
कोई बुला के देख ले।।
जिस घर में अंधकार,
वहां मेहमान कहाँ से आए,
जिस मन में अभिमान,
वहां भगवान कहाँ से आए,
अपने मन मंदिर में,
ज्योत जला के देख ले,
आ जाते है राम,
कोई बुला के देख ले,
राम नाम अतिं मीठा है,
कोई गा के देख ले,
आ जाते है राम,
कोई बुला के देख ले।।
आधे नाम पे आ जाते,
हो कोई बुलाने वाला,
बिक जाते हैं राम कोई,
हो मोल चुकाने वाला,
कोई शबरी झूठे बेर,
खिला के देख ले,
आ जाते है राम,
कोई बुला के देख ले,
राम नाम अतिं मीठा है,
कोई गा के देख ले,
आ जाते है राम,
कोई बुला के देख ले।।
मन भगवान का मंदिर है,
यहाँ मैल ना आने देना,
हीरा जन्म अनमोल मिला है,
इसे व्यर्थ गवा ना देना,
शीश झुके और प्रभु मिले,
झुका के देख ले,
आ जाते है राम,
कोई बुला के देख ले,
राम नाम अतिं मीठा है,
कोई गा के देख ले,
आ जाते है राम,
कोई बुला के देख ले।।
राम नाम अति मीठा है,
कोई गा के देख ले,
आ जाते है राम,
कोई बुला के देख ले,
राम नाम अतिं मीठा है,
कोई गा के देख ले,
आ जाते है राम,
कोई बुला के देख ले।।
स्वर – बिजेन्दर चौहान।
प्रेषक – शिवकुमार शर्मा
9926347650
8. रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया लिरिक्स
रामा रामा रटते रटते,
बीती रे उमरिया,
रघुकुल नंदन कब आओगे,
भिलनी की डगरिया,
रामा रामा रटतें रटते,
बीती रे उमरिया।।
तर्ज – नगरी नगरी द्वारे द्वारे।
मैं शबरी भिलनी की जाई,
भजन भाव नहीं जानु रे,
राम तुम्हारे दर्शन के हित,
वन में जीवन पालूं रे,
चरण कमल से निर्मल कर दो,
दासी की झोपड़िया,
रामा रामा रटतें रटतें,
बीती रे उमरिया।।
रोज सवेरे वन में जाकर,
रस्ता साफ़ मैं करती हूँ,
अपने प्रभु के खातिर वन से,
चुन चुन के फल लाती हूँ,
मीठे मीठे बेरन की मैं,
भर लाई छबरिया,
रामा रामा रटतें रटतें,
बीती रे उमरिया।।
सुन्दर श्याम सलोनी सुरत,
नैना बिच बसाऊंगी,
पद पंकज रज धर मस्तक में,
चरणों में शीश नवाउंगी,
प्रभु जी मुझको भूल गए,
लो दासी की ख़बरिया,
रामा रामा रटतें रटतें,
बीती रे उमरिया।।
रामा रामा रटते रटते,
बीती रे उमरिया,
रघुकुल नंदन कब आओगे,
भिलनी की डगरिया,
रामा रामा रटतें रटतें,
बीती रे उमरिया।।
9. भजन बिना चैन ना आये राम लिरिक्स
भजन बिना चैन ना आये राम
श्लोक – बैठ के तु पिंजरे में,
पंछी काहे को मुसकाय,
हम सब है इस जग में कैदी,
तु ये समझ ना पाय॥
भजन बिना चैन ना आये राम,
कोई ना जाने कब हो जाये,
इस जीवन की शाम॥
बोलो राम राम राम ॥॥
मोह माया की आस तो पगलै,
होगी कभी ना पूरी,
करते करते भजन प्रभु का,
मीट जायेगी दुरी,
हम भक्तो के साथ साथ लो,
सब ही प्रभु का नाम,
भजन बिना चैन ना आये राम॥॥
भजन है अमृत रस का प्याला,
शाम सवेरे पीना,
इसको पीकर सारा जीवन,
मस्ती में तु जीना
भक्ति कर तो बन जायेंगे,
अपने बिगड़े काम,
भजन बिना चैन ना आये राम॥॥
भजन बिना चैन ना आये राम,
कोई ना जाने कब हो जाये,
इस जीवन की शाम॥
बोलो राम राम राम ॥॥
10. जिस भजन में राम का नाम ना हो लिरिक्स
जिस भजन में राम का नाम ना हो,
उस भजन को गाना ना चाहिए।।
चाहे बेटा कितना प्यारा हो,
उसे सिर पे चढ़ाना ना चाहिए,
चाहे बेटी कितनी लाडली हो,
घर घर ने घुमाना ना चाहिए,
जिस भजन में राम का नाम न हों,
उस भजन को गाना ना चाहिए।।
जिस माँ ने हम को जनम दिया,
दिल उसका दुखाना ना चाहिए,
जिस पिता ने हम को पाला है,
उसे कभी रुलाना चाहिए,
जिस भजन में राम का नाम न हों,
उस भजन को गाना ना चाहिए।।
चाहे पत्नी कितनी प्यारी हो,
उसे भेद बताना ना चाहिए,
चाहे मैया कितनी बैरी हो,
उसे राज़ छुपाना ना चाहिए,
जिस भजन में राम का नाम न हों,
उस भजन को गाना ना चाहिए।।
जिस भजन में राम का नाम ना हो,
उस भजन को गाना ना चाहिए।।
भजन डायरी से कुछ अन्य श्री राम जी के भजन मेरी पसंद से –
अवध में राम आये है।
राम मेरे घर आना।
सीताराम सीताराम सीताराम कहिये।
बोल कागा बोल मेरे राम कब आएँगे।
जिसके हृदय में राम नाम बंद है।
श्री राम से कह देना एक बात अकेले में।
कभी राम बनके कभी श्याम बनके।
जरा धीरे गाड़ी हाँको मेरे राम गाड़ी वाले।
मन नो मुरलियो रटे थारो नाम।
मेरे घर राम आये है।
सीताराम जी प्यारी राजधानी लागे।
जो राम को लाए है हम उनको लाएंगे।
ना राम नाम लीनो तेने भरी जवानी में।
सीताराम दरश रस बरसे जैसे सावन की झड़ी।
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राम नाम के हिरे मोती।
राम जी की निकली सवारी।
राम लक्ष्मण के संग जानकी।
राम नाम आधार जिन्हे।
राम का दीवाना बनना।
रामचंद्र कह गए सिया से।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
ऐसे है मेरे राम।
पैर धो लेने दो भगवन।
बिना रघुनाथ को देखे नहीं दिल को करारी है।
नाथ ये वो ही है रघुनाथ जिसने मारा है बाली।
धुला लो पाँव राघव जी।
हरपल तुम्हारी याद आती रहे राघव।
नाथ मुझ अनाथ पर दया कीजिये।
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भजन डायरी से आपका मित्र –
शेखर मौर्य।