त्रिलोकी रो नाथ जाट घर,
बन गयो हाली रे।
अरे कुण जाने आ माया श्याम री,
अजब निराली रे,
त्रिलोकी रो नाथ जाट घर,
बन गयो हाली रे,
बन गयो हाली बन गयो हाली,
बन गयो हाली रे त्रिलोकी रो नाथ,
जाट घर बन गयो हाली रे।।
भूरी भैस चमकनो पाडो,
दो छाली दो नारा रे,
भूरी भैस चमकनो पाडो,
दो छाली दो नारा रे,
बिना बाड तो खेत जाट के,
बांधे न्यारा न्यारा रे,
चोर आवे जद चक्कर लगावे,
चोर आवे जद चक्कर लगावे,
देवे गाली रे,
त्रिलोकी रों नाथ जाट घर,
बन गयो हाली रे।।
सौ बीगा रो खेत जाट के,
राम भरोसे खेती रे,
सौ बीगा रो खेत जाट के,
राम भरोसे खेती रे,
आदा में है गेहूँ चना,
आदा मे धाना मेथी रे,
बिना बाड को जाट के,
बिना बाड को जाट के,
राम रखवाली रे,
त्रिलोकी रों नाथ जाट घर,
बन गयो हाली रे।।
मोट बाजरी री रोटी पोवा,
ऊपर घी को लचको रे,
मोट बाजरी री रोटी पोवा,
ऊपर घी को लचको रे,
पालका री तरकारी रांदा,
भर मूली रे बटको रे,
छाछ राबडी रो करा कलेवो,
छाछ राबडी रो करा कलेवो,
भर भर थाली रे,
त्रिलोकी रों नाथ जाट घर,
बन गयो हाली रे।।
जाट जाटनी निर्भय सूता,
सुता छोरा छोरी रे,
जाट जाटनी निर्भय सूता,
सूता छोरा छोरी रे,
श्याम धणी पोहरा रे ऊपर,
किनविद होवे चोरी रे,
चोर आवे जद ऊबो देखे,
चोर आवे ऊबो देखे,
जावे खाली रे,
त्रिलोकी रो नाथ जाट घर,
बन गयो हाली रे।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818