तू भीख ना देगी तो,
मैं शोर मचा दूंगा,
हर मांगने वाले को,
तेरा पता बता दूंगा,
तू भिख ना देगी तो,
मैं शोर मचा दूंगा।।
तेरे दर पे जिसने भी,
झोली फैलायी है,
तुमने मैया उसकी,
तकदीर बनायी है,
तेरे नाम की जिसने भी,
माँ ज्योत जगायी है,
हर विपदा में उसकी,
तू बनी सहाई है,
तेरी रहमत के किस्से,
सारे जग को सुना दूंगा,
तू भिख ना देगी तो,
मैं शोर मचा दूंगा।।
तेर द्वार पे अब तक माँ,
ना हुई सुनवाई है,
तेरे कानों तक अम्बे,
पहुचीं ना दुहाई है,
अब तेरे बच्चों ने,
तेरी आस लगाईं है,
मैं कैसे कहूं सबको,
पत्थर की माई है,
मै अपनी भक्ति से,
पत्थर पिघला दूंगा,
तू भिख ना देगी तो,
मैं शोर मचा दूंगा।।
तू अपरम्पार है माँ,
तेरा पार ना पाया है,
कण कण में हे दाती,
तेरा नूर समाया है,
‘चंचल’ की समझ में माँ,
बस अब ये आया है,
ये दुख सुख मैया जी,
सब तेरी माया है,
तुम सबकी सुनती हो,
सबको समझा दूंगा,
तू भिख ना देगी तो,
मैं शोर मचा दूंगा।।
तू भीख ना देगी तो,
मैं शोर मचा दूंगा,
हर मांगने वाले को,
तेरा पता बता दूंगा,
तू भिख ना देगी तो,
मैं शोर मचा दूंगा।।
Singer – Narendra Chanchal Ji