कार गुजारी देख के अपने,
भक्तों की मेरे श्याम,
तू भी रोता होगा श्याम,
अपनी अपनी सेकते रोटी,
सब लेकर तेरा नाम,
तु भी रोता होगा श्याम।।
अहंकार बड़ा हद से ज्यादा,
भूल गए अपनी मर्यादा,
तुमसे करते है कुछ वादा,
और बदलते अपना इरादा,
तेरा प्रेमी बनके तुझको,
करते है बदनाम,
तु भी रोता होगा श्याम।।
भक्ति भाव का करके दिखावा,
ये करते है सिर्फ छलावा,
भक्त शिरोमणि होने का दावा,
शर्म नही इनको पछतावा,
तेरे प्यार का साँवरे तुझको,
ये देते इनाम,
तु भी रोता होगा श्याम।।
भजन तेरा अब कहाँ भजन है,
भजन तेरा बना मनोरंजन है,
होता विषय पे ये चिंतन है,
दुखी ह्रदय कहता ‘कुंदन’ है,
उछल कूद में ही मिल जाता,
है मुह मांगा दाम,
तु भी रोता होगा श्याम।।
कार गुजारी देख के अपने,
भक्तों की मेरे श्याम,
तू भी रोता होगा श्याम,
अपनी अपनी सेकते रोटी,
सब लेकर तेरा नाम,
तु भी रोता होगा श्याम।।
गायक – शिरीष गुप्ता गुड्डू भैया।
ग्वालियर – 9827014731
लेखन – कुंदन अकेला।