सांवरे ओ मेरे सांवरे,
सांवरे ओ मेरे सांवरे,
तू चाँद है पूनम का,
तू चैन मेरे मन का,
तुझे ना देखूं तो,
चैन ना आए,
सांवरे ओ मेरे सांवरे,
सांवरे ओ मेरे सांवरे,
तू मीत मेरे मन का,
तू गीत है सावन का,
तुझे ना देखूं तो,
चैन ना आए,
सांवरे ओ मेरे सांवरे,
सांवरे ओ मेरे सांवरे।।
तर्ज – तू चाँद हैं पूनम का।
तेरी नज़रों से जबसे लड़ी नजर,
सारे नज़ारे तबसे लगते है बेअसर,
तेरे चरणों की मिल गई बंदगी,
इतनी हसी ना पहले थी मेरी ज़िन्दगी,
अब सारी उमर तेरी सेवा करूँ,
पल भर भी ना नजरो से दूर करूँ,
बस इतनी तमन्ना तुझसे है मेरी,
सांवरे ओ मेरे सांवरे,
सांवरे ओ मेरे सांवरे।।
ओ मेरे सांवरे मैं तेरा ध्यान धर,
सेवा करूँगा तेरी मेरा ऐतबार कर,
लगता है ऐसे तू मेरे आस पास है,
कृपा तू करेगा मुझे पूरा विश्वास है,
मेरी नींद खो गई रातों की,
तू लकीर बदल मेरे हाथों की,
मुझे तेरी जरुरत इस दुनिया में,
सांवरे ओ मेरे सांवरे,
सांवरे ओ मेरे सांवरे।।
ओ मेरे श्याम तू ही जीवन आधार है,
तू ही है नैया मेरी तू ही पतवार है,
बिन तेरे कुछ भी नहीं मैं,
मुझको अहसास है,
मेरे नैनो को तेरे दर्शन की प्यास है,
धन और दौलत मैं ना चाहूँ,
बस भजन तेरे नित मैं गाऊं,
बस इतनी सी चाहत ‘पुष्प’ की तुझसे,
सांवरे ओ मेरे सांवरे,
सांवरे ओ मेरे सांवरे।।
सांवरे ओ मेरे सांवरे,
सांवरे ओ मेरे सांवरे,
तू चाँद है पूनम का,
तू चैन मेरे मन का,
तुझे ना देखूं तो,
चैन ना आए,
सांवरे ओ मेरे सांवरे,
सांवरे ओ मेरे सांवरे,
तू मीत मेरे मन का,
तू गीत है सावन का,
तुझे ना देखूं तो,
चैन ना आए,
सांवरे ओ मेरे सांवरे,
सांवरे ओ मेरे सांवरे।।
स्वर – पुष्पेन्द्र ‘पुष्प’।