माँ गे पड़लौ पुत्र विपत्ति में,
तू चुप कोना बैसल छ गे,
हे कोना बैसल छ गे,
माँ तू कोना बैसल छ गे।।
दर दर स भटकल माँ गे,
शरण मे तोड़े आयल छी,
दृग मुइन बैसल छ गे,
तू दृग मुइन बैसल छ गे,
मां गे पड़लौ पुत्र विपत्ति में,
तू चुप कोना बैसल छ गे।।
आँख के लोर है जननी,
तोड़ा छोड़ दोसर के पोछतै,
बीच भँवर फसल छी गे से,
बीच भँवर फसल छी गे,
मां गे पड़लौ पुत्र विपत्ति में,
तू चुप कोना बैसल छ गे।।
जनम मरण स मुक्ति,
वर तू माँ हमरा द दे,
दर्शन ल बेकल छी गे,
हम दर्शन ल बेकल छी गे,
मां गे पड़लौ पुत्र विपत्ति में,
तू चुप कोना बैसल छ गे।।
माँ गे पड़लौ पुत्र विपत्ति में,
तू चुप कोना बैसल छ गे,
हे कोना बैसल छ गे,
माँ तू कोना बैसल छ गे।।
गायक – रामविलाश यादव।
Upload – Manish Kumar Thakur
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