तू गिरधर से लगा ले दिल,
ये मौका फिर ना मिल पाए।।
तर्ज – है अपना दिल तो आवारा।
ये बंधू तुम्हारे,
दो दिन के है सहारे,
सब छोड़ तुझको प्यारे,
भूलेंगे एक दिन,
गिरधर का ये नज़ारा,
मौका ये इतना सारा,
सब याद मेरे यारा,
आएगा उस दिन,
बना साथी तू गिरधर को,
तुझे मनमीत मिल जाए,
तू गिरधर से लगा ले दील,
ये मौका फिर ना मिल पाए।।
जो समय चला जाएगा,
ना वापस वो आएगा,
तू सोचता जाएगा,
ना कुछ पाएगा,
आ मेरे साथ गा ले,
गिरधर से प्रीत लगा ले,
इस मस्ती में नहा ले,
तुझे चैन आएगा,
तू खोया क्यों खयालों में,
समय सारा निकल जाए,
तू गिरधर से लगा ले दील,
ये मौका फिर ना मिल पाए।।
जो है किस्मत का मारा,
ना सूझे जब किनारा,
भगवान का ही सहारा,
मिलेगा उसको,
फिर क्यों तू इतना अटके,
क्यों मोह माया में भटके,
मौका ये क्यों ना झटके,
मिला है तुझको,
तू ‘अंकुश’ दिल से कर भक्ति,
तेरी दुनिया बदल जाए,
तू गिरधर से लगा ले दील,
ये मौका फिर ना मिल पाए।।
तू गिरधर से लगा ले दिल,
ये मौका फिर ना मिल पाए।।
Singer & Lyricist – Ajay Nathani