तू है मेरा खिवैया,
मैं हूँ तेरी नैया,
नैया ये डोलने ना,
देना कन्हैया,
मुझे सागर में छोड़ नहीं,
देना कन्हैया,
तू है मेरा खिवईया,
मैं हूँ तेरी नैया।।
नैया पुरानी लहरे तूफानी,
मीलों दूर किनारा,
दुनिया है फानी गहरा है पानी,
मन माझी हारा,
पतवार थाम लेना,
ओ बंसी बजैया,
नैया ये डोलने ना,
देना कन्हैया,
मुझे सागर में छोड़ नहीं,
देना कन्हैया,
तू है मेरा खिवईया,
मैं हूँ तेरी नैया।।
तुम तो हो प्यारे तारणहारे,
साँवरिया गिरधारी,
पापी अधर्मी पार उतरे,
आ के शरण तिहारी,
मुझको भी तार दीजे,
ओ जग के रचैया,
नैया ये डोलने ना,
देना कन्हैया,
मुझे सागर में छोड़ नहीं,
देना कन्हैया,
तू है मेरा खिवईया,
मैं हूँ तेरी नैया।।
रखते ही आए सब की मोहन,
लाज रखनी है मेरी,
सुनके पुकार साँवरे आओ,
देरी ना करियो घनेरी,
मेरी आस तुम ही हो,
ओ बृज के बसइया,
नैया ये डोलने ना,
देना कन्हैया,
मुझे सागर में छोड़ नहीं,
देना कन्हैया,
तू है मेरा खिवईया,
मैं हूँ तेरी नैया।।
तू है मेरा खिवैया,
मैं हूँ तेरी नैया,
नैया ये डोलने ना,
देना कन्हैया,
मुझे सागर में छोड़ नहीं,
देना कन्हैया,
तू है मेरा खिवईया,
मैं हूँ तेरी नैया।।
स्वर – श्री मृदुलकृष्ण जी शास्त्री।
प्रेषक – शिवम वर्मा।
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