तू ही कृष्णा तू ही,
मोहन मेरा,
तुझपे अर्पण है ये,
जीवन मेरा,
तू ही कृष्णां तू ही,
मोहन मेरा।।
तर्ज – मैं हवा हूँ कहाँ।
उगते सूरज पे,
रोशनी है तेरा,
तू ही चंदा तू ही,
किरण मेरा,
तुझको अर्पण है ये,
जीवन मेरा,
तू ही कृष्णां तू ही,
मोहन मेरा।।
ढूंढा करते है,
हर जगह में तुझे,
तू ही मथुरा,
तू ही मधुबन,
तुझको अर्पण है ये,
जीवन मेरा,
तू ही कृष्णां तू ही,
मोहन मेरा।।
सांस लेते है,
लोग जीने को,
तू ही दिल है,
तू ही धड़कन मेरा,
तुझको अर्पण है ये,
जीवन मेरा,
तू ही कृष्णां तू ही,
मोहन मेरा।।
तू ही कृष्णा तू ही,
मोहन मेरा,
तुझपे अर्पण है ये,
जीवन मेरा,
तू ही कृष्णां तू ही,
मोहन मेरा।।
गायक – राम कृष्ण दास।
रचना- मिलन श्रीवास।