जब तक सांस चले ये,
तब तक साथ निभाना,
हार के आया हूँ दर,
ना कोई कोई बहाना,
तू जो रूठा तो मैं जाऊंगा कहाँ,
बिन तेरे सांवरे हम हुए बावरे,
कर दया की मेहर मेरे श्याम,
तू जो रूठा तो मैं जाऊँगा कहाँ।।
तू जो ठुकराएगा,
कौन अपनाएगा,
दास तेरा बाबा,
फिर कहां जाएगा,
तेरे बिन सांवरे,
अब ना कोई राह खरे,
क्या सही क्या गलत,
कौन बतलायेगा,
तू जो रूठा तो मैं जाऊँगा कहाँ,
बिन तेरे सांवरे हम हुए बावरे,
कर दया की मेहर मेरे श्याम,
तू जो रूठा तो मैं जाऊँगा कहाँ।।
जिसको अपना समझा,
उसने दिल तोडा है,
दिखा कर मंज़िल को,
राह में छोड़ा है,
झूठे सब रिश्ते है,
झूठे सब नाते है,
सुख के सब साथी हैं,
दुःख में ना आते है,
काम ना आते है,
तू जो रूठा तो मैं जाऊँगा कहाँ,
बिन तेरे सांवरे हम हुए बावरे,
कर दया की मेहर मेरे श्याम,
तू जो रूठा तो मैं जाऊँगा कहाँ।।
मन में विश्वास भरा,
तू मेरे साथ खड़ा,
इस भरी दुनिया में,
एक बस तू है मेरा,
भक्त कहते तेरा,
ना कोई सानी है,
खाटू का राजा है,
कलयुग अवतारी है,
तू जो रूठा तो मैं जाऊँगा कहाँ,
बिन तेरे सांवरे हम हुए बावरे,
कर दया की मेहर मेरे श्याम,
तू जो रूठा तो मैं जाऊँगा कहाँ।।
मैं अगर हारा तो,
तेरी बदनामी है,
हारे का साथी तू,
शीश का दानी है,
अब ‘माधव अर्णव’ की,
नैया तेरे हाथ है,
तू ही अब तारेगा,
तुझपे विश्वास है,
पूरा विश्वास है,
तू जो रूठा तो मैं जाऊँगा कहाँ,
बिन तेरे सांवरे हम हुए बावरे,
कर दया की मेहर मेरे श्याम,
तू जो रूठा तो मैं जाऊँगा कहाँ।।
जब तक सांस चले ये,
तब तक साथ निभाना,
हार के आया हूँ दर,
ना कोई कोई बहाना,
तू जो रूठा तो मैं जाऊंगा कहाँ,
बिन तेरे सांवरे हम हुए बावरे,
कर दया की मेहर मेरे श्याम,
तू जो रूठा तो मैं जाऊँगा कहाँ।।
Singer – Prashant Suryavanshi