तू कान्हा मैं तेरी राधिका,
आओ नृत्य करे दोऊ साथ,
की मैं तेरी राधिका,
आओ नृत्य करे दोऊ साथ,
की मैं तेरी राधिका,
तु कान्हा मैं तेरी राधिका।।
तू चंदा मैं तेरी चांदनी,
तू चंदा मैं तेरी चांदनी,
आओ चमकेंगे दोऊ साथ,
की मैं तेरी चांदनी,
तु कान्हा मैं तेरी राधिका।।
तू सागर मैं तेरी गागरी,
तू सागर मैं तेरी गागरी,
आओ डूब जाए दोऊ साथ,
की मैं तेरी गागरी,
तु कान्हा मैं तेरी राधिका।।
तू मोरा मैं तेरी मोरनी,
तू मोरा मैं तेरी मोरनी,
आओ कुहके दोऊ साथ,
की मैं तेरी मोरनी,
तु कान्हा मैं तेरी राधिका।।
तू दीपक मैं तेरी रौशनी,
तू दीपक मैं तेरी रोशनी,
आओ जर फूंक जाए दोऊ साथ,
की मैं तेरी रौशनी,
तु कान्हा मैं तेरी राधिका।।
तू रसिका मैं तेरी रसिकनी,
तू रसिका मैं तेरी रसिकनी,
आओ रस बरसाए दोऊ साथ,
की मैं तेरी रसिकनी,
तु कान्हा मैं तेरी राधिका।।
तू कान्हा मैं तेरी राधिका,
आओ नृत्य करे दोऊ साथ,
की मैं तेरी राधिका,
आओ नृत्य करे दोऊ साथ,
की मैं तेरी राधिका,
तु कान्हा मैं तेरी राधिका।।
स्वर – बाबा श्री रसिका पागल महाराज जी।