तू खाटू बुलाता रहे,
और मैं आता रहूं।
दोहा – खयाल जब भी तुम्हारा,
मेरे श्याम आए,
कपकपाते हुए लब पर,
तुम्हारा नाम आए,
जब कभी जिक्र तेरा सुनकर,
आँख भर आए,
तेरी तस्वीर से लिपटकर,
मुझे आराम आए।
ओ बाबा इतनी कृपा मैं,
तेरी पाता रहूं,
तू खाटू बुलाता रहे,
और मैं आता रहूं।।
भाने लगी है तेरे,
दर की गलियां,
तुम्हारे दरश से खिले,
मन की कलियाँ,
ओ बाबा दीदार तेरा,
यूँ ही पाता रहूं,
तू खाटू बुलाता रहें,
और मैं आता रहूं।।
जबसे तेरी चौखट पे,
सर ये झुका है,
तब से मेरा कोई,
काम ना रुका है,
ओ बाबा सर यूँ ही,
दर पे मैं झुकाता रहूं,
तू खाटू बुलाता रहें,
और मैं आता रहूं।।
तू दे रहा है,
मुझे दाना पानी,
तेरा शुक्रिया ‘माधव’,
तेरी मेहरबानी,
ओ बाबा तेरा दिया ही,
बस मैं खाता रहूं,
तू खाटू बुलाता रहें,
और मैं आता रहूं।।
ओ बाबा इतनी कृपा मैं,
तेरी पाता रहूं,
तू खाटू बुलाता रहें,
और मैं आता रहूं।।
Singer – Reshmi Sharma