तू क्यों करता फिकर बन्दे,
श्याम जीवन सजाएगा,
लकीरें हाथों की तेरे,
कन्हैया खुद बनाएगा,
तू क्यूँ करता फिकर बन्दे,
श्याम जीवन सजाएगा।।
तर्ज – मुझे तेरी मोहब्बत का।
ये दुनिया है बड़ी ज़ालिम,
रुलाती है रुलाएगी,
चंद सिक्को के खातिर ये,
चंद सिक्को के खातिर ये,
तुझे निचा दिखाएगी,
तू खुद से हार कर जिस पल,
नाम इनका बुलाएगाम,
लकीरें हाथों की तेरे,
कन्हैया खुद बनाएगा,
तू क्यूँ करता फिकर बन्दे,
श्याम जीवन सजाएगा।।
जिन्हे अपना समझता तू,
बिच मजधार छोड़ेंगे,
गिरा के सब की नजरो में,
गिरा के सब की नजरो में,
तेरे दिल को वो तोड़ेंगे,
मेरा बाबा उठा तुझको,
अपने दिल में बिठाएगा,
लकीरें हाथों की तेरे,
कन्हैया खुद बनाएगा,
तू क्यूँ करता फिकर बन्दे,
श्याम जीवन सजाएगा।।
बिठाकर श्याम को दिल में,
तू बढ़ता जा फ़िकर मत कर,
हो कितनी भी कठिन घड़ियाँ,
हो कितनी भी कठिन घड़ियाँ,
तुफानो से डरा मत कर,
तुझे देगा तेरी मंजिल,
ये खुद रस्ता दिखाएगा,
लकीरें हाथों की तेरे,
कन्हैया खुद बनाएगा,
तू क्यूँ करता फिकर बन्दे,
श्याम जीवन सजाएगा।।
भरोसा क्या है सांसो का,
मिली कितनी तू क्या जाने,
है कर्जा सांवरे का ये,
है कर्जा सांवरे का ये,
है दी उसने वही जाने,
‘शानू’ ले ले जनम कितने,
चूका इनको ना पाएगा,
लकीरें हाथों की तेरे,
कन्हैया खुद बनाएगा,
तू क्यूँ करता फिकर बन्दे,
श्याम जीवन सजाएगा।।
तू क्यों करता फिकर बन्दे,
श्याम जीवन सजाएगा,
लकीरें हाथों की तेरे,
कन्हैया खुद बनाएगा,
तू क्यूँ करता फिकर बन्दे,
श्याम जीवन सजाएगा।।
Singer – Kumar Shanu