तू मंदिर में बंद,
और मैं घर में बंद,
बोल कन्हैया बोल कटेगा,
कैसे अब ये फंद।।
किसी से ना सुना हमने,
नहीं किसी और ने देखा,
अचानक ठहर गया सबकुछ,
खींची है नई लक्ष्मण रेखा,
कैसे जीतेंगे कान्हा,
जीवन का ये द्वंद्व,
बोल कन्हैया बोल कटेगा,
कैसे अब ये फंद।।
समझ में कुछ नहीं आता,
अक्ल भी काम ना करती,
कि कल क्या होगा ना जाने,
सोच के रूह भी डरती,
काम धंधो कि रफ़्तार,
हो गई अब तो मंद,
बोल कन्हैया बोल कटेगा,
कैसे अब ये फंद।।
धीरज छूट रहा अब तो,
प्रभु आके सम्भालो ना,
करो कृपा हे सांवरिया,
हमें दुःख से निकालो ना,
जन्मों पुराना है ‘मोहित’,
अपना ये सम्बन्ध,
बोल कन्हैया बोल कटेगा,
कैसे अब ये फंद।।
तू मंदिर में बंद,
और मैं घर में बंद,
बोल कन्हैया बोल कटेगा,
कैसे अब ये फंद।।
Singer & Musician – Bijender Chauhan