तू मेरा ही सांवरा है,
कहता हूँ ये महफिल में,
मैं भटक रहा था दर दर,
तूने बिठाया दिल में।।
तेरे नाम के तो प्रेमी,
लाखों भरे है बाबा,
कोई मनाता तुझको,
कोई रिझाता बाबा,
एक फूल क्या चढ़ाऊं,
नहीं हूं तेरे काबिल मैं,
तू मेरा ही साँवरा है,
कहता हूँ ये महफिल में।।
था भीड में अकेला,
न कोई काम आया,
सबने किया किनारा,
तूने गले लगाया,
तुम साथ यूं ही रहना,
हरदम सभी मुश्किल में,
तू मेरा ही साँवरा है,
कहता हूँ ये महफिल में।।
आया शरण तुम्हारी,
ले ठोकरें सभी की,
नेहा से नेह बाबा,
न तोड़ना कभी भी,
रास्ता दिखाना हरदम,
आगे सभी मंजिल में,
तू मेरा ही साँवरा है,
कहता हूँ ये महफिल में।।
तू मेरा ही सांवरा है,
कहता हूँ ये महफिल में,
मैं भटक रहा था दर दर,
तूने बिठाया दिल में।।
Singer & Composer – Sanjay Singh Chouhan
9009804779