तू ना सुणेगो तो कौण सुणेगो,
म्हारी या जीवन गाड़ी,
म्हारी या जीवन गाड़ी,
पार कुण करेगो
तू ना सुणेगो तो कौन सुणेगो।।
पग पग पे ठोकर,
दुनिया की खाई,
अति हो चुकी है अब तो,
करले सुनाई,
लाज जो गई तो मेरी,
यो जग के कहेगो,
तू ना सुणेगो तो कौन सुणेगो।।
इतनी परीक्षा ना,
लिया कर भगत की,
होगा बदनाम तू ही,
नीति है जगत की,
दुखड़ा यो सेवक बाबा,
कब तक सहेगो,
तू ना सुणेगो तो कौन सुणेगो।।
विश्वास मेरा,
टूटे ना कन्हैया,
पार लगा दो अब तो,
हे पार लगैया,
हुई ना सुनाई गर तो,
‘श्रवण’ रो रो मरेगो,
तू ना सुणेगो तो कौन सुणेगो।।
तू ना सुणेगो तो कौण सुणेगो,
म्हारी या जीवन गाड़ी,
म्हारी या जीवन गाड़ी,
पार कुण करेगो
तू ना सुणेगो तो कौन सुणेगो।।
स्वर – सतीश श्रवण।