तू सब जानता है,
तुझे क्या बताएं,
मैं जग से छुपा लूँ,
मेरा हाल दिल ये,
मगर तुमसे बाबा,
छिपे ना छिपाए,
तू सब जानता हैं,
तुझे क्या बताएं।।
तर्ज – मुझे श्याम अपने गले से।
प्रीत अपनी प्रभु,
है पुरानी बड़ी,
याद तुमको किया,
मैंने तो हर घड़ी,
तेरे रहते बाबा,
किसे मैं पुकारूँ,
तू ही मेरा अपना,
सगरे पराये,
तू सब जानता हैं,
तुझे क्या बताएं।।
खेलते सब रहे,
मेरे जज़्बात से,
तुम तो वाकिफ हो श्याम,
मेरे हालात से,
मेरे आंसुओं में,
दर्द जो छुपा है,
तू ही उसको समझे,
तू ही तो मिटाये,
तू सब जानता हैं,
तुझे क्या बताएं।।
इतना तो सांवरे,
मुझको विश्वास है,
कोई हो या ना हो,
तू मेरे साथ है,
मेरी गलतियों से,
अनजान हूँ मैं,
‘सोनू’ की उलझन,
तू ही सुलझाए,
तू सब जानता हैं,
तुझे क्या बताएं।।
तू सब जानता है,
तुझे क्या बताएं,
मैं जग से छुपा लूँ,
मेरा हाल दिल ये,
मगर तुमसे बाबा,
छिपे ना छिपाए,
तू सब जानता हैं,
तुझे क्या बताएं।।
स्वर – रजनी जी राजस्थानी।
प्रेषक – निलेश मदन लालजी खंडेलवाल।
धामनगांव रेलवे 9765438728