तुझे कौन सा भजन सुनाऊं,
बाबा तुझको कैसे रिझाऊं,
मैं कुछ भी समझ ना पाऊं,
बाबा क्यों मैं हारा जाऊं,
एक बार आ जाओ मेरे श्याम,
मेरे श्याम मेरे श्याम,
एक बार आ जाओ मेरे श्याम,
मेरे श्याम मेरे श्याम।।
तर्ज – तुझे सूरज कहूं या चंदा।
टूटे हुए इस दिल से,
मैं झुमके कैसे गाऊं,
ये घाव है इतने गहरे,
मैं इनको कैसे छिपाऊं,
बाबा अब तो मरहम लगा दो,
उपचार मेरा तुम कर दो,
मैं कुछ भी समझ ना पाऊं,
बाबा क्यों मैं हारा जाऊं,
एक बार आ जाओ मेरे श्याम,
मेरे श्याम मेरे श्याम,
एक बार आ जाओ मेरे श्याम,
मेरे श्याम मेरे श्याम।।
सदियों से ‘सुरेश’ ने सुना है,
तू है हारे का सहारा,
मैं हारा इस जिंदगी में,
नहीं कोई मेरा सहारा,
हारे के सहारे आओ,
मैं कुछ भी समझ ना पाऊं,
बाबा क्यों मैं हारा जाऊं,
एक बार आ जाओ मेरे श्याम,
मेरे श्याम मेरे श्याम,
एक बार आ जाओ मेरे श्याम,
मेरे श्याम मेरे श्याम।।
तुझे कौन सा भजन सुनाऊं,
बाबा तुझको कैसे रिझाऊं,
मैं कुछ भी समझ ना पाऊं,
बाबा क्यों मैं हारा जाऊं,
एक बार आ जाओ मेरे श्याम,
मेरे श्याम मेरे श्याम,
एक बार आ जाओ मेरे श्याम,
मेरे श्याम मेरे श्याम।।
Singer – Priya Poddar