तुझे श्याम कहूँ या गोपाला,
नटखट जसुमति का लाला,
हे नटवर नागर नन्दा,
सब से तेरा रूप निराला,
तुझे श्याम कहूं या गोपाला।।
तर्ज – तुझे सूरज कहूँ या चन्दा।
तेरे नाम हजारों स्वामी,
किस नाम से तुझे पुकारूं,
अपना जीवन तन मन धन,
सब तेरे चरणों में वारूँ,
तुम हो प्रभु अन्तरयामी,
कण कण में तेरा बसेरा,
हे नटवर नागर नन्दा,
सब से तेरा रूप निराला,
तुझे श्याम कहूं या गोपाला।।
तेरी महिमा सब जग गाये,
हे मोहन मदन मुरारी,
एक पल में क्या कर डाले,
तेरी लीला अजब निराली,
तू रंक को दे राजधानी,
ऐसा है दीन दयाला,
हे नटवर नागर नन्दा,
सब से तेरा रूप निराला,
तुझे श्याम कहूं या गोपाला।।
हे मुरलीधर मतवाले,
भक्तों के तुम रखवाले,
जो तेरा नाम पुकारे,
तूने उसके संकट टाले,
सारी दुनियाँ जपती है,
प्रभू तेरे नाम की माला,
हे नटवर नागर नन्दा,
सब से तेरा रूप निराला,
तुझे श्याम कहूं या गोपाला।।
तुझे श्याम कहूँ या गोपाला,
नटखट जसुमति का लाला,
हे नटवर नागर नन्दा,
सब से तेरा रूप निराला,
तुझे श्याम कहूं या गोपाला।।
स्वर – राकेश काला।
प्रेषक – आशुतोष त्रिवेदी
7869697758